कश्मीर: शॉल बुनने वाले फजली ने ऐसी दर्द भरी कहानी बयान की कि जिसने भी सुना हर कर कोई भी सन्न रह गया। 12 साल पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने श्रीनगर के उसके घर से उठाकर गिरफ्तार किया था। लेकिन पुलिस रिमांड में बिताए उन 50 दिनों की यादें उसे आज भी गहरी नींद से जगाकर डराने और घंटों तक बैचेन रखने के लिए काफी हैं।
फजली सहित दो को बीते शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट के मामले में बरी किया था। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार फजली ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगातते हुए कहा कि उन्होंने उसपर ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए मेंटल से लेकर फिजिकल हर तरह का टॉर्चर किया। फजली का कहना है कि दिल्ली पुलिस जबरदस्ती हमारे मुंह में मल ठूंसती थी फिर हमारे मुंह पर रोटी और पानी फेंका जाता था ताकि हम उसे निगल जाएं।
गिरफ्तारी से पहले श्रीनगर के बाहरी इलाके में शॉल बुनने वाले फजली ने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया है कि उसे कोर्ट में पेश करने से पहले ही टॉर्चर किया जाने लगा था। फजली ने बताया दिल्ली पहुंचने के बाद उनको लोधी कॉलोनी के पुलिस स्टेशन ले जाया गया। एक बेंच पर लेटने को कहा गया और उसी के नीचे मेरा हाथ बांध दिया गया। दो पुलिस वाले मेरे पैर पर खड़े हो गए और एक ने पेट के ऊपर चलने लगा। मुझे डिटरजेंट पाउडर मिला पानी पीने को मजबूर किया गया।
फजली बताता है कि उसे 200 से भी ज्यादा ब्लैंक पेपर साइन करने को कहा गया। फजली की यह दर्दनाक यातना करीब 50 दिन चली इसके बाद उसे तिहाड़ में शिफ्ट कर दिया गया। उनका कहना है कि तिहाड़ जेल में टॉर्चर नहीं किया, लेकिन वहां अपराधियों द्वारा हमला किए जाने का डर था। शुरुआत में तो वो काफी उग्र थे और वो मुझसे लगभग दो किलोमीटर तक पोछा लगवाया करते थे। लेकिन बाद में जैसे-जैसे मामला खुला उनका व्यवहार बदल गया।