श्रीलंका के पूर्व वर्ल्ड कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट की हालातों के कारणों की पड़ताल के लिये हुई बैठक में हिस्सा नहीं लिया। रणतुंगा ने कहा, ‘मैं इसमें भाग नहीं लेता। यह खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित नहीं थी बल्कि मौजूदा क्रिकेट प्रशासन ने इसका आयोजन किया था।’
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हालांकि खेलमंत्री दयासिरी जयशेखरा ने पूरे दिन चलने वाली यह बैठक बुलाई थी। इसमें पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों, पूर्व प्रशासकों और पत्रकारों ने भाग लिया। श्रीलंका को हाल ही में जिम्बाब्वे और भारत ने हराया है। उन्होंने कहा, ‘लोग काफी आलोचना कर रहे थे । कुछ ने कहा कि श्रीलंका क्रिकेट मतदान प्रणाली गलत है और कुछ ने कहा कि सुमतिपाला को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये । लेकिन वे इस बैठक में आये ही नहीं ।’
गौरतलब है कि अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर रणतुंगा हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। उन्होंने बीते कुछ दिन पहले भारतीयों पर भी निशाना साधा था। उन्होंने श्रीलंकाई क्रिकेट फैंस से कहा था कि वे भारतीयों की तरह व्यवहार करना बंद करें।
रणतुंगा ने इससे पहले भारत के हाथों 2011 विश्व कप में श्रीलंका की हार पर भी सवाल खड़े कर दिए थे और आशंका जताई थी कि वह मैच फिक्स था। 2011 के विश्व कप फाइनल में भारत और श्रीलंका का आमना-सामना हुआ था। इस मैच में भारत ने जीत हासिल करते हुए विश्व कप का दूसरा खिताब अपने नाम किया था।
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