संयुक्त अरब अमीरात ने 20 जुलाई से 22 जुलाई के बीच Mars मिशन लॉन्च करने का लिया फैसला

 सरकार के संचार कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने 20 जुलाई से 22 जुलाई के बीच मंगल ग्रह के लिए अपने मिशन की शुरूआत के लिए काम फिर से शुरू कर दिया है। जापान के तनेगाशिमा स्पेस सेंटर से यूएई के होप प्रोब का प्रक्षेपण अनिश्चित मौसम के कारण दो बार प्रभावित हुआ है। इससे पहले 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे 17 जुलाई के लिए टाल दिया गया और अब एक नई तारीख दी गई है। UAE अगर यह लॉन्च सफलतापूर्व कर लेता है तो दूसरे ग्रह पर मिशन भेजने वाला पहला अरब देश होगा।

यह संयुक्त अरब अमीरात के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम का अगला चरण होगा। मिशन का उद्देश्य है मंगल ग्रह के वातावरण के मौसम के रहस्यों को सुलझाना। यूएई के नौ सैटेलाइट पहले से अंतरिक्ष में हैं और उसकी योजना है कि आने वाले वर्षों में आठ और सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाएं। लगभग एक बड़ी गाड़ी के आकार के जैसे 1,350 किलोग्राम के इस प्रोब का प्रक्षेपण जापान के तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से इसपर काम किया जाएगा।

इसी मानवरहित प्रोब का नाम ‘अल-अमल’ है। ये अरबी शब्द है, इसका मतलब होता है ‘उम्मीद’। ‘अल-अमल’ को पृथ्वी से मंगल तक की 49.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय करने में सात महीने लग जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि ‘अल-अमल’ की रूप-रेखा ही इस उद्देश्य से बनाई गई है कि इससे इलाके के युवा प्रेरित हों और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खोजों का मार्ग प्रशस्त हो।

कक्षा में पहुंच जाने के बाद, 1,21,000 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से प्रोब को एक चक्कर लगाने में 55 घंटे लगेंगे। यूएई कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से संपर्क सप्ताह में दो बार छह से आठ घंटों के लिए सीमित रहेगा। प्रोब कक्षा में मंगल ग्रह के पूरे एक साल की अवधि के बराबर तक रहेगा। ‘अल-अमल’ का प्रक्षेपण इस कार्यक्रम का अगला मील का पत्थर है।

प्रोब पर लगे तीन उपकरण देंगे तस्वीर

प्रोब पर लगे तीन उपकरण मंगल के वातावरण की पूरी तस्वीर देंगे। पहला एक इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर है वातावरण के निचले भाग को मापने और तापमान की संरचना का विश्लेषण करने के लिए, दूसरा हाई रेजॉल्यूशन इमेजर है जो वहां मौजूद ओजोन के स्तर की जानकारी देगा। तीसरा एक अल्ट्रावॉयलेट स्पेक्ट्रोमीटर है जो सतह से 43,000 किलोमीटर की दूरी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के स्तर को मापेगा।

दूसरे ग्रहों के वातावरण को समझने में मिलेगी मदद

अधिकारियों का कहना है कि दूसरे ग्रहों के वातावरण को समझने से पृथ्वी के जलवायु को भी बेहतर समझने में मदद मिलेगी। सितंबर में यूएई ने पहली बार अंतरिक्ष में अमीराती एस्ट्रोनॉट भी भेजा। हज्जा अल-मंसौरी अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमीराती बने। कजाखस्तान से भेजे हुए एक सोयुज रॉकेट में अल-मंसौरी दो और साथियों के साथ अंतरिक्ष में पहुंचे और आठ दिनों के मिशन को पूरा कर वापस लौट आए। इस मिशन के दौरान वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले अरब नागरिक बने।

यूएई 2117 तक मंगल पर बसाएगा मानव बस्ती

यूएई की महत्वाकांक्षाएं कहीं ज्यादा बड़ी हैं। यूएई का लक्ष्य है 2117 तक मंगल पर एक मानव-बस्ती को बसाने का लक्ष्य है। उससे पहले यूएई की योजना है दुबई के बाहर स्थित रेगिस्तान में सफेद गुम्बद वाले एक “साइंस सिटी” की रचना करना, जिसमें मंगल ग्रह के जैसे हालात की पूरी नकल की जाएगी और उस ग्रह पर बस्तियां बसाने के लिए आवश्यक तकनीक विकसित की जाएगी।

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