मुस्लिम देशों पर बैन के बाद, अगला नंबर पाकिस्तान का हो सकता है: व्हाइट हाउस
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख जैद अल-हुसैन ने ट्रंप के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि – ‘राष्ट्रीयता के आधार पर यह भेदभाव मानवाधिकार कानून में निषिद्ध है।’ आमतौर पर जैद ट्विटर पर बहुत कम ही आते हैं लेकिन उन्होंने ट्वीट किया कि – ‘अमेरिका का यह प्रतिबंध छोटी मानसिकता और आतंकवाद को खत्म करने के लिए संसाधनों का व्यर्थ इस्तेमाल करने वाला है।’
दूसरी तरफ, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने चेतावनी दी है कि ट्रंप का यह यात्री प्रतिबंध आतंकवादियों को उकसाने वाला साबित होगा। इससे पूरी दुनिया के आतंकवादियों को एकजुट होकर मजबूत होने का मौका मिल जाएगा। 56 सदस्यों वाले इस संगठन ने अपील की है कि अमेरिका इस एकतरफा फैसले पर पुनर्विचार करे।
IS के खात्मे की रणनीति तैयार करने के लिए ट्रंप ने अमेरिकी सेना को दिए 30 दिन
हालांकि सूत्रों के मुताबिक पीएम टेरीजा मे ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगी जिससे राष्ट्रीय हित में ट्रंप की यात्रा रद हो। इस बीच एयर फ्रांस ने मुस्लिम देशों के 21 यात्रियों को अमेरिका की यात्रा से रोक दिया है। हालांकि एयरलाइन प्रवक्ता ने यात्रियों के नाम व उनके देश के बारे में ब्यौरा नहीं दिया है।
वरिष्ठ सीनेटर लाएंगी कार्यकारी आदेश के खिलाफ दो विधेयक
सात मुस्लिम देशों के लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध के खिलाफ डेमोक्रेट सांसदों ने दो बिल लाने की बात कही है। सीनेट न्यायिक समिति की वरिष्ठ सीनेटर डायन फींस्टीन ने कहा कि वह पहला बिल इस कार्यकारी आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए लाएंगी और दूसरा प्रवासी संशोधन बिल लाएंगी। विधेयक लाने का मुख्य उद्देश्य आगे से देश में जातिगत आधार पर इस तरह की कार्रवाई को रोकना होगा।
16 प्रांतों के अटार्नी जनरलों ने आदेश को असंवैधानिक बताया
दूसरी तरफ अमेरिका में कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क समेत 16 प्रांतों के एटार्नी जनरलों ने ट्रंप के यात्री प्रतिबंध की निंदा की है। उन्होंने ट्रंप के इस आदेश को ‘असंवैधानिक’ करार दिया और कहा कि वे इसके खिलाफ संघर्ष करेेंगे। अमेरिका का करीब 13 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख कानून अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप का यह आदेश कानून विरोधी है।
ट्रंप के आदेश के विरोध में अमेरिका की लोकप्रिय कॉफी चेन कंपनी स्टारबक्स ने आगामी 5 सालों में दुनिया भर के 75 देशों में 10,000 शरणार्थियों को नौकरी देने की घोषणा की है। इस फैसले की जानकारी कंपनी प्रमुख होवॉड एस ने अपने कर्मचारियों को भेजी गई एक चिट्ठी में दी है। उन्होंने लिखा है कि – ‘मैं आज बेहद परेशान हूं, भारी मन और मजबूत वादे के साथ मैं आपको आज यह पत्र लिख रहा हूं, क्योंकि आज हम अमेरिका के उस सपने के भी गवाह हैं जिस पर सवाल उठ रहे हैं।’ यह चिट्ठी कंपनी की वेबसाइट पर पोस्ट की गई है।ट्रंप के फैसले से फंसे लोगों को कनाडा ने की मदद की पेशकश
ओटावा। कनाडा के प्रवासी मंत्रालय ने कहा है कि सात मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री रोकने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के चलते उनके यहां फंसे लोगों को कनाडा अस्थायी निवास प्रदान करेगा। प्रवासी मामलों के मंत्री अहमद हसन ने कहा कि ‘मैं कनाडा में फंसे लोगों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि आवश्यक्ता पड़ने पर उन्हें अस्थायी निवास प्रदान करने के लिए मैं एक मंत्री के रूप में मेरे अधिकारों का उसी तरह निर्वहन करूंगा जिस तरह हमने पहले किया था।’