भारत 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का गैर-स्थायी सदस्य बनने के लिए तैयार है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 17 जून को वोटिंग होगी. इस चुनाव में 10 गैर-अस्थायी सदस्यों में से पांच सदस्यों के चुनाव में भारत निर्विरोध खड़ा है. बावजूद भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूएनएससी में भारत की सीट सुरक्षित करने के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है.
एशिया-प्रशांत समूह में भारत इस बार अकेला उम्मीदवार है. ऐसे में भारत की जीत पक्की है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पांच अस्थाई सीटों के लिए इसी महीने चुनाव होना है. विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ब्रोशर जारी करते हुए यूएनएससी के लिए भारत की प्राथमिकताओं को बताया. बता दें कि यूएनएससी में भारत 2011 और 2012 के बीच तक सेवारत रहा है.
डॉ. जयशंकर ने कहा, 10 साल पहले हम यूएनएससी के लिए चुने गए थे. हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए चार अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. आंतरिक शासन की सामान्य प्रक्रिया में तनाव का इजाफा हो रहा है.
उन्होंने कहा, कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौरान ग्लोबल कम्युनिटी पर बहुत ज्यादा दबाव है. ऐसे में जनवरी 2021 के लिए UNSC में निर्वाचित होने पर भारत का 5S- सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि दुनिया के लिए दृष्टिकोण होगा.
अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के तत्काल सुधार की आवश्यकता पर विचार करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा, इस असाधारण स्थिति में भारत एक सकारात्मक वैश्विक भूमिका निभा सकता है. हम हमेशा एक आवाज और अंतरराष्ट्रीय कानून के एक मतदाता रहे हैं. हम वैश्विक मुद्दे पर बातचीत, परामर्श और निष्पक्षता की वकालत करते हैं और हम वैश्विक विकास पर जोर देते हैं.
बता दें कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक 7 बार (1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-2012) सेवारत रहा है.
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