एक बार फिर अमर उजाला के प्रतिष्ठित कार्यक्रम संवाद का आयोजन राजधानी देहरादून में किया जा रहा है। आज (मंगलवार को) आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश के विकास समेत अन्य कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। देश की जानी-मानी शख्सियतें, नीति-नियंता, विचारक-विशेषज्ञ श्रोताओं से रूबरू होंगे। हरिद्वार रोड स्थित होटल सेफर्ट सरोवर प्रीमियर में दिनभर चलने वाले कार्यक्रम में राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर अलग-अलग सत्र आयोजित होंगे। अमर उजाला के इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण एबीपी न्यूज चैनल पर पूरे देश में देखा जा सकेगा।
ये शख्सियतें होंगी शामिल
सुनील शेट्टी, बॉलीवुड अभिनेता
बॉलीवुड के अन्ना, सफल उद्यमी और फिटनेस प्रेरक सुनील शेट्टी भारतीय सिनेमा में अपनी दमदार अभिनय के लिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने मोहरा, धड़कन, बॉर्डर, हेराफेरी जैसी फिल्मों में न केवल अपनी अभिनय से प्रतिभा का लोहा मनवाया, बल्कि रियल लाइफ हीरो के रूप में भी खुद को स्थापित किया। सुनील शेट्टी का जीवन पर्दे से परे और भी प्रेरक है। वे एक सफल उद्यमी हैं, जिनकी फूड, हेल्थ, हॉस्पिटैलिटी, फिटनेस और रियल एस्टेट सेक्टर में कई कंपनियां हैं। उन्होंने देशभर में जवानों के लिए कैंप, खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग सेंटर और ग्रामीण युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट हब्स स्थापित किए हैं। अन्ना भारत में फिटनेस को जीवनशैली का हिस्सा बनाने वाले शुरुआती सितारों में से एक हैं।
हरभजन सिंह, पूर्व भारतीय क्रिकेटर
क्रिकेट की दुनिया में फिरकी किंग कहे जाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह सबसे सफल ऑफ-स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट लेकर भारत को ऐतिहासिक विजय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में ली गई उनकी हैट्रिक विकेट भारतीय क्रिकेट की सबसे यादगार मानी जाती है, जिसने उन्हें फिरकी का बादशाह बना दिया। खेल के मैदान से आगे बढ़कर हरभजन सिंह ने राज्यसभा सांसद के रूप में सामाजिक सेवा का मार्ग चुना और युवाओं, खेल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर मुखर होकर काम कर रहे हैं। भज्जी एक प्रशिक्षित पियानो वादक हैं और उन्हें संगीत से गहरा लगाव है।
स्वामी कैलाशानंद गिरी, आध्यात्मिक गुरु
आध्यात्म और राष्ट्र निर्माण को समर्पित स्वामी कैलाशानंद गिरि न केवल परमार्थ निकेतन और कैलाश आश्रम के प्रतिष्ठित पीठाधीश्वर हैं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना को वैश्विक मंच पर पहुंचाने वाले युगदृष्टा भी हैं। वे आधुनिक विज्ञान और सनातन धर्म के समन्वय के पक्षधर हैं और युवाओं को धर्म से जोड़ने के लिए डिजिटल माध्यमों का प्रभावशाली उपयोग करते हैं। 1976 में बिहार के जमुई में स्वामी कैलाशानंद गिरि का जन्म एक मध्यम परिवार में हुआ। बचपन में ही घर त्यागकर धर्म का रास्ता चुन लिया और वे भगवान की भक्ति में इस कदर रम गए कि फिर कभी परिवार की तरफ देखा ही नहीं। स्वामी कैलाशानंद गिरी का प्रभाव केवल धार्मिक क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी है। कई राजनेता, कलाकार और अन्य प्रसिद्ध हस्तियां उनसे आशीर्वाद लेने आते हैं।
नीतू बिष्ट, इन्फ्लुएंसर और उद्यमी
उत्तराखंड के कुमाऊं से ताल्लुक रखने वाली नीतू बिष्ट आज करोड़ों युवाओं की प्रेरणा हैं। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्होंने कंटेंट क्रिएशन को सिर्फ ग्लैमर नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी में बदला है। नीतू बिष्ट ने अपने सफर की शुरुआत बहुत सीमित संसाधनों से की थी और आज वे एक सफल डिजिटल इन्फ्लुएंसर के साथ-साथ एक फैशन और लाइफस्टाइल ब्रांड की को-फाउंडर भी हैं। वे विशेष रूप से उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और बोली को अपने वीडियो में दर्शाकर पहाड़ की आत्मा को दुनिया तक पहुंचाती हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि, परिवार के प्रति समर्पण और आत्मनिर्भरता की सोच ने उन्हें हर वर्ग के दर्शकों में लोकप्रिय बनाया है।
लखन रावत, इन्फ्लुएंसर एवं उद्यमी
लखन रावत एक प्रतिभाशाली और मेहनती डिजिटल क्रिएटर हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है। उनकी पहचान न केवल एक इन्फ्लुएंसर के रूप में है, बल्कि वे एक सफल यूट्यूबर, ब्रांड प्रमोटर और सामाजिक संदेशों को हास्य और रचनात्मकता के जरिए प्रस्तुत करने वाले क्रिएटिव उद्यमी हैं। अपने कंटेंट में वे न केवल हास्य और फैशन का संतुलन रखते हैं, बल्कि मानवता, रिश्ते, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के मूल्यों पर भी काम करते हैं। उत्तराखंड की जड़ों से जुड़े लखन अपने वीडियो में अक्सर पहाड़ की भाषा, रहन-सहन और संस्कार को उजागर करते हैं। लखन रावत और नीतू बिष्ट एक जोड़ी के रूप में भी सोशल मीडिया पर मशहूर हैं। उन्होंने मिलकर डिजिटल दुनिया में एक सकारात्मक ब्रांड और कहानी खड़ी की है।
डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा, सह-संस्थापक, वेंचर कैटेलिस्ट, स्टार्टअप इन्वेस्टर और गाइड
भारत के हर युवा के पास एक आइडिया हो और हर आइडिया को उड़ान मिले का विजन रखने वाले डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा भारत के अग्रणी स्टार्टअप इन्वेस्टर और इनोवेशन गाइड माने जाते हैं। वे वेंचर कैटेलिस्ट के सह-संस्थापक हैं, जो भारत का पहला एकीकृत स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्लेटफॉर्म है। वे अब तक 150 से अधिक स्टार्टअप्स में निवेश कर चुके हैं, जिनमें कई यूनिकॉर्न कंपनियां भी शामिल हैं। डॉ. शर्मा ने देश में एंजल इन्वेस्टिंग को एक नया आयाम दिया और कई मिड-टियर शहरों से निकलने वाले उद्यमियों को सीधा ग्लोबल इनोवेशन इकोसिस्टम से जोड़ने का काम किया। वे बेयर्डो, भारत पे, पीसेफ जैसे कई सफल ब्रांड्स के शुरुआती मार्गदर्शकों में रहे हैं। इसके अलावा डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा एआईसीटीई, नीति आयोग और कई केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर स्टार्टअप इंडिया मूवमेंट को जमीनी स्तर पर विस्तार देने में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री, भारत सरकार
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को वाराणसी जिले की तहसील चकिया के भभौरा गांव में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ। अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव के विद्यालय से प्राप्त की और इसके बाद बीएससी और एमएससी (भौतिक विज्ञान) की परीक्षा उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद वे केबी स्नातकोत्तर महाविद्यालय मिर्जापुर में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता के रूप में नियुक्त हुए। वर्ष 1974 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और 1977 में वे उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक चुने गए। वर्ष 1991 में जब उत्तर प्रदेश में पहली बार भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। वर्ष 1994 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। 22 नवंबर 1999 को उन्हें केंद्रीय मंत्री नियुक्त किया गया।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को हुआ। साल 2021 से वे उत्तराखंड के 10वें और वर्तमान मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वे 2022 से उत्तराखंड विधानसभा में चंपावत विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और इससे पहले 2012 से 2022 तक खटीमा से चुनाव जीते थे। वे राज्य के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने इसके निर्माण के बाद से लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला है। सीएम धामी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी।
स्वरूप मोहंती, वाइस चेयरमैन व सीईओ, मिराई एसेट
स्वरूप मोहंती मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के वाइस चेयरमैन और सीईओ हैं। उनके नेतृत्व में कंपनी के पास फरवरी 2025 तक 1.9 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति प्रबंधन है, जिसमें से 70 फीसदी इक्विटी और 11 फीसदी डेब्ट में निवेश किया गया है। मोहंती बाजार की अस्थिरता के बीच निवेशकों को सावधानी से निर्णय लेने की सलाह देते हैं। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट, बीकॉम (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। साल 2023 में वह वाइस चेयरमैन के रूप में नियुक्त हुए। वे मौलिक विश्लेषण और सावधानीपूर्वक स्टॉक चयन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। मोहंती का मानना है कि वर्तमान बाजार मूल्यांकन एक चिंता का विषय है, खासकर स्मॉल कैप और थीमैटिक क्षेत्रों में। हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि कई व्यवसाय निष्पक्ष मूल्य पर हैं और कुछ में विकास की संभावना है। वे निवेशकों को दीर्घकालिक निवेश रणनीति के साथ बने रहने की सलाह देते हैं।
तानिया मित्तल, इन्फ्लुएंसर व उद्यमी
तानिया मित्तल ऊर्जा, आत्मविश्वास और नवाचार की मिसाल हैं। वह भारत की सबसे तेजी से उभरती हुई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर व महिला उद्यमियों में शुमार हैं। अपने दम पर खड़ी की गई पहचान के दम पर उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाखों लोगों को न सिर्फ प्रेरित किया, बल्कि उन्हें खुद पर विश्वास करना भी सिखाया। तानिया का सफर एक सामान्य युवती से शुरू होकर एक सफल स्टार्टअप फाउंडर तक पहुंचा। उन्होंने महिलाओं के लिए फैशन और लाइफस्टाइल ब्रांड लॉन्च किया, जिसने बहुत ही कम समय में बाजार में अपनी अलग पहचान बनाई। वे न सिर्फ ब्रांड प्रमोशन और डिजिटल मार्केटिंग की विशेषज्ञ हैं, बल्कि कई राष्ट्रीय मंचों पर महिलाओं के सशक्तीकरण और युवा उद्यमिता पर बोल चुकी हैं। अपने शानदार कंटेंट, नवाचारी सोच और साहसिक फैसलों के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स से सम्मान भी मिल चुका है।
जयदीप अहलावत, अभिनेता
बॉलीवुड अभिनेता जयदीप ने 2025 में पाताल लोक सीजन-2 में निभाए अपने किरदार से वाहवाही लूटी थी और अब उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स में फैमिली मैन-3, हिसाब और इक्कीस में आपको उनका अभिनय देखने को मिलेगा। जयदीप का जन्म रोहतक, हरियाणा के गांव खरकड़ा के एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में अपनी स्नातक की शिक्षा 2008 में पूर्ण की। उन्होंने बॉलीवुड में 2010 में आई प्रियदर्शन की फिल्म खट्टा मिट्ठा और अक्षय कुमार निर्मित फिल्म आक्रोश से अभिनय की शुरुआत की। लेकिन, उन्हें पहचान 2012 में आई अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से मिली।
गौर गोपाल दास, प्रेरक वक्ता
सोशल मीडिया में 51 लाख से अधिक अनुयायी वाले गौर गोपाल दास जाने-माने प्रेरक वक्ता व लाइफ कोच हैं। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ने के बाद वे इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) से जुड़ गए। महाराष्ट्र में जन्मे दास ने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। 1992 में तक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। 1996 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और इस्कॉन में शामिल हो गए। जीवन के अद्भुत रहस्य : जीवन में संतुलन और उद्देश्य उनकी चर्चित पुस्तक रही। भारतीय जीवन शैली को लेकर उनकी गहन पकड़ है, जिस पर लोग उन्हें सुनने के लिए दूर-दराज से आते हैं।
डॉ. अभय बंग, निदेशक, सर्च :
डॉ. अभय बंग सामुदायिक स्वास्थ्य शोधकर्ता हैं, जो महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में काम कर रहे हैं। उन्होंने शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से पहल और कार्यक्रम विकसित किए हैं। उनके प्रयासों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने भी सराहा है। अभय ने सोसाइटी फॉर एजुकेशन, एक्शन, एंड रिसर्च इन कम्युनिटी हेल्थ (सर्च) की स्थापना की, जो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान में काम करती है। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित डॉ. बंग को लखनऊ में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने शिशु की मौत के 18 संभावित कारणों की पहचान की, जिनमें गरीबी, डायरिया, संक्रमण, निमोनिया या अस्पताल की कमी शामिल है। विश्व स्तरीय शोध किया।
कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव, परमवीर चक्र विजेता :
कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव 18 ग्रेनेडियर्स के साथ कार्यरत कमांडो प्लाटून घातक का हिस्सा थे, जो चार जुलाई 1999 के शुरुआती घंटों में टाइगर हिल पर तीन सामरिक बंकरों पर कब्जा करने के लिए नामित की गई थी। बंकर एक ऊर्ध्वाधर, बर्फ से ढके 1000 फुट ऊंची चट्टान के शीर्ष पर थे। यादव स्वेच्छा से चट्टान पर चढ़ गए और भविष्य में आवश्यकता की संभावना के चलते रस्सियों को स्थापित किया। आधे रास्ते में एक दुश्मन बंकर ने मशीन गन और रॉकेट फायर खोल दी, जिसमें प्लाटून कमांडर और दो अन्य शहीद हो गए। अपने गले और कंधे में तीन गोलियों के लगने के बावजूद यादव शेष 60 फीट चढ़ गए और शीर्ष पर पहुंचे। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वह पहले बंकर में घुस गए और एक ग्रेनेड से चार पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर दी और दुश्मन को स्तब्ध कर दिया। जिससे बाकी प्लाटून को चट्टान पर चढ़ने का मौका मिला। उसके बाद यादव ने अपने दो साथी सैनिकों के साथ दूसरे बंकर पर हमला किया और हाथ से हाथ की लड़ाई में चार पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की। इस तरह प्लाटून ने टाइगर हिल पर कब्जा कर लिया।