सऊदी अरब के सुल्तान सलमान ने अपने भतीजे मुहम्मद बिन नायेफ को हटाकर अपने बेटे मुहम्मद बिन सलमान को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. अब पिता के बाद प्रिंस सलमान ही सऊदी की राजगद्दी पर बैठेंगे. बता दें कि प्रिंस सलमान को प्रिंस बनाने की तैयारी पहले से ही चल रही थी. क्राउन प्रिंस रहे 57 साल के नायेफ से धीरे-धीरे सारी शक्तियां छीनी जा रही थीं. सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा जारी एक शाही फरमान के मुताबिक, प्रिंस सलमान पहले से ही सऊदी के उप प्रधानमंत्री हैं. साथ ही, वह सऊदी के रक्षा मंत्री भी हैं.
जब से किंग सलमान को गद्दी मिली तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि नायेफ को दरकिनार कर उन्हें वारिस घोषित किया जा सकता है. बता दें कि इससे पहले प्रिंस सलमान ने अप्रैल 2015 में नायेफ को क्राउन प्रिंस बनाया था . किंग सलमान भी पिछले काफी समय से नायेफ को कमजोर कर प्रिंस को मजबूत करने की कोशिश करते दिख रहे थे.
पश्चिमी देशों में नायेफ की हुई सरहाना
सऊदी की आधिकारिक प्रेस एजेंसी द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में किंग सलमान द्वारा अपने 31 साल बेटे सलमान को उत्तराधिकारी बनाने के फैसले की बात सारी जगह फैल गई है. उधर नायेफ को आतंरिक मंत्री के उनके पद से भी हटा दिया गया है. अल-कायदा की चुनौती से निपटने के लिए उन्होंने जो प्रयास किए, उनकी पश्चिमी देशों में काफी सराहना हुई थी.
किंग सलमान गद्दी पर होने से बढ़ा प्रिंस सलमान का हस्तक्षेप
जब से किंग सलमान गद्दी पर बैठे, तभी से उनके बेटे मुहम्मद बिन सलमान का सरकारी फैसलों में उनका काफी हस्तक्षेप बढ़ गया था. फिर चाहे वह बजट हो, या फिर विदेशी सौदों को रोकना और सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कांट-छांट, प्रिंस का असर हर जगह देखा जा रहा है.
कुछ लोगों ने प्रिंस सलमान को पंसंद और कुछ ने नापंसद
सऊदी के युवा वर्ग में सलमान को काफी पसंद किया जा रहा है. लोगों को लगता है, कि युवा सुल्तान उनकी और देश की समस्याओं को बेहतर तरीके से सुलझा सकेंगे. दूसरी ओर उन्हें नापंसद करने वालों की भी कमी नहीं है. लोगों को लगता है कि सलमान ताकत के भूखे हैं और इतने सारे बदलाव कर सऊदी को अस्थिरता के जोखिम की ओर ले जा रहे हैं.