लखनऊ: फर्जी राशन कार्ड से सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने के धंधे पर बड़ी कार्रवाई की गयी हे। खाद्यान्न माफिया अब तक 33 लाख फर्जी राशन कार्ड के जरिए करोड़ों के अनाज का वारा.न्यारा कर रहे थे। सरकार की सख्ती पर ऐसे राशन काडरें को निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही भाजपा सरकार बनने के बाद गरीबों के 37 लाख नए राशन कार्ड बनाकर नए सिरे से अनाज बांटना शुरू किया गया है। यह खुलासा राशन कार्ड की जांच के लिए चलाए गए अभियान में हुआ है।
प्रदेश में राशन कार्ड के सत्यापन का यह बड़ा अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चलाया गया। सरकार के सख्त तेवर के कारण अभियान को बड़ी सफलता मिली। मई तक अन्त्योदय योजना के एक लाख 865 और खाद्य सुरक्षा योजना के 28 लाख 52 हजार 892 राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने फर्जी राशन काडरें की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए सभी राशन कार्डो को आधार से लिंक कराने का फैसला किया है। अब तक करीब 82 फीसदी राशन कार्ड आधार से जोड़े जा चुके हैं। जांच में पाया गया कि आमतौर पर फर्जी राशन कार्ड बनवाने वाले असरदार लोग होते हैं और इन्हें राजनीतिक संरक्षण भी रहता है। ऐसे में इनके खिलाफ अभियान आसान नहीं था।
लेकिन खाद्य विभाग के मुखिया खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और उनके सख्त रुख अपनाने के बाद कार्रवाई करना आसान हो गया। प्रदेश के खाद्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि 15- 20 वर्षो से खाद्य विभाग को नेताओं,अधिकारियों ने पैसा कमाने का अड्डा बना लिया था। एक-एक जिलापूर्ति अधिकारी 25-30 लाख रुपये की उगाही कर रहा था।
उन्होंने कहा कि फर्जी राशन कार्डनिरस्त होने से पहली बार गरीबों और वंचितों को उनका हक दिलाने की कोशिश हो रही है। बीते चार महीने में 30.35 लाख नए जरूरतमंदों को राशन कार्ड दिये गए लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सब कुछ ठीक हो गया। लेकिन जल्द ही सब ठीक कर लिया जाएगा।