‘क्रिकेट के भगवान’ माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने बताया कि रणजी ट्रॉफी चैंपियनशिप में उनका सबसे यादगार मैच कौनसा है। तेंदुलकर ने कहा कि 1993-1994 में वानखेड़े स्टेडियम पर मुंबई और तमिलनाडु के बीच खेला गया रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल उनका सबसे यादगार मैच है।
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मुंबई के ऐतिहासिक 500वें रणजी मैच का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक फंक्शन में तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि 1993-94 में तमिलनाडु के खिलाफ खेला गया सेमीफाइनल मेरा सबसे यादगार मैच है।’ बता दें कि मुंबई अपना ऐतिहासिक 500वां रणजी मैच बड़ौदा के खिलाफ खेलेगा।
तेंदुलकर ने साथ ही कहा कि तमिलनाडु द्वारा पहली पारी में बनाए 485 रन के स्कोर को मुंबई ने किस तरह पार किया और वो उस समय आखिरी बल्लेबाज संतोष सक्सेना के साथ क्रीज पर थे। दोहरा शतक बनाकर बल्लेबाजी कर रहे तेंदुलकर ने यह भी बताया कि गेंद बदलने के बाद अचानक रिवर्स स्विंग होना शुरू हुई।
उन्होंने कहा, ‘मैं क्रीज के बाहर खड़ा था और हेमांग बदानी ने पॉइंट से गेंदबाज को तमिल में कहा कि मैं क्रीज के बाहर खड़ा हूं। जब गेंदबाज अपने रनअप की शुरुआत करता तो मैं क्रीज के अंदर चले जाता। मैच के बाद मैंने बदानी को कहा कि मैं तमिल समझता हूं।’ मुंबई ने यह मैच 8 विकेट से जीता था।
तेंदुलकर ने यह भी ध्यान दिलाया कि रणजी मैचों में मुंबई का सफलता प्रतिशत 47 है। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं ये कहूं कि यह अविश्वसनीय है तो कम होगा।’ इस फंक्शन में सचिन के अलावा माधव आप्टे, अजित वाडेकर, दिलीप वेंगसरकर, सुधीर नाइक, संजय मांजरेकर और अमोल मुजुमदार भी मौजूद थे। इन सभी पूर्व खिलाड़ियों ने मुंबई के लिए अपने-अपने यादगार पलों को साझा किया।