नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे बेतरतीब तरीके से ट्रकों का खड़ा रहना भी सड़क हादसों को आमंत्रण देता है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर मोहनसराय से कछवा रोड तक और वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर तरना से लेकर जौनपुर बॉर्डर तक ढाबों-होटलों और पेट्रोल पंपों के आसपास ट्रक जहां-तहां खड़े रहते हैं।
सड़क हादसों में 33 महीने चार दिन में 773 लोगों की मौत हो चुकी है। एक जनवरी 2023 से अब तक 229 लोगों की जान गई है। वाराणसी-लखनऊ हाईवे पर बुधवार की भोर में हुए हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई। इससे सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में है। यातायात पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, नेशनल हाईवे वाले चार थाना क्षेत्रों बड़ागांव, चौबेपुर, मिर्जामुराद और फूलपुर में एक जनवरी 2023 से अब तक सड़क हादसों में 113 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, कमिश्नरेट के सभी थाना क्षेत्रों में 229 लोगों की मौत हुई है। सड़क हादसाें में ही 2022 में 277 और 2021 में 267 मौत हुई थी। सर्वाधिक लोगों की मौत दिन में हादसे के दौरान हुई है।
एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय ने कहा कि सरकारी स्तर पर लगातार किए जा रहे प्रयासों के अलावा आमजन को खुद को भी सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसके साथ ही अपने परिजनों और परिचितों को भी सड़क सुरक्षा के नियमों के पालन के लिए प्रेरित करना चाहिए।
जिले में चिह्नित हैं आठ ब्लैक स्पॉट
सड़क हादसों की अधिकता के कारण जिले में आठ स्थान ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित हैं। इनमें बड़ागांव थाना में हरहुआ बाजार व चिलबिला, शिवपुर थाना में गिलट बाजार से तरना, रामनगर थाना में विश्व सुंदरी पुल से भीटी से टेंगरा मोड़ व सूजाबाद से रामनगर, रोहनिया थाना में मोहनसराय बाईपास व अमरा अखरी बाईपास और लोहता थाना में धमरिया पुल शामिल है।
हाईवे पर बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं ट्रक
– तेज रफ्तार
– सीट बेल्ट न लगाना
– अवैध रूप से बने ढाबे व वहां खड़े होने वाले वाहन
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