समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बाढ़ की विकरालता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बाढ़ की विभीषिका से लाखों लोग प्रभावित है लेकिन भाजपा सरकार या तो बेख़बर है या संवेदनशून्य है। उन्होंने कहा कि राज्य के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में है। फसलें नष्ट हो गयीं। आम जनता और पशुओं का जीवन संकट में है। मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं। किसानों की स्थिति बहुत ही खराब है। बाढ़ पीड़ितों को कोई मदद नहीं मिल रही है। यह सरकार किसी भी पीड़ित की सुध क्यों नहीं लेती है। यह आशंका अब सही साबित होती दिखती है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार से भाजपा इतना परेशान है कि वह मतदाताओं से बदला लेने पर उतारू है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यादव ने कहा कि बरेली, गोण्डा, गोरखपुर, श्रावस्ती, बहराइच, संतकबीर नगर, पीलीभीत, बस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, देवरिया आदि 2 दर्जन से ज्यादा जनपदों की हालत बहुत खराब है। लाखों लोगों का जनजीवन पूरी तरह बाढ़ से अस्त-व्यस्त है। पीलीभीत में नदी का जलस्तर बढ़ने पर रेलवे लाइन की पुलिया ही बह गई। ताजनगरी आगरा में जगह-जगह सड़के धंस गई। स्कूल-अस्पताल प्रभावित हैं। भाजपा सरकार ने बाढ़ को लेकर पहले से कोई तैयारी नहीं की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की लापरवाही, निष्क्रियता और भ्रष्टाचार से कई शहरी इलाके भी जलभराव से प्रभावित है। जलभराव से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार प्रभावी कार्यवाही करने में पूरी तरह फेल हो गई है।
लखनऊ, वाराणसी, बरेली, मेरठ समेत अन्य कई जिलों के कई इलाकों में सड़कों, लोगों के घरों में पानी घुस गया है। भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को ठगने का काम किया है। स्मार्ट सिटी के नाम पर सैकड़ों करोड़ की लूट हो गयी लेकिन जल निकासी और नालों की सफाई नहीं हुई। भाजपा सरकार में बजट की जमकर लूट हुई है। करोड़ों रूपये खर्चकर भव्य अयोध्या बनाने का दावा किया गया था परन्तु पहली बरसात में ही रामपथ में सड़क धंस गई, मंदिर से पानी चूने लगा, भाजपा की झूठ और लूट की राजनीति का यह एक उदाहरण है।