समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाया। कहा, भाजपा ने चुनाव के समय किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार किसानों के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने में लगी हुई है। प्रदेश का किसान आज आत्महत्या करने को मजबूर है।
भाजपा ने चुनाव से पहले सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का वादा किया था, सरकार बनने के बाद भाजपा अपना वादा भूल गई। सरकार ने पलटवार करते हुए सपा शासनकाल में किसानों की दशा का जिक्र किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन का बहिर्गमन किया। सपा सदस्य बलराम यादव ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के रूप में शनिवार को किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सबका पेट भरने वाला किसान आज लांछित व अपमानित हो रहा है।
सपा के नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी का वादा करने वाली भाजपा सरकार में किसानों की आय तो बढ़ी नहीं बल्कि उसकी हालत और खस्ता हो गई है। किसानों को एमएसपी की गारंटी मिलनी चाहिए। सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर रही है।
पिछले वर्ष सदन में सरकार ने गेहूं का लागत मूल्य 2550 व धान का 2650 रुपये प्रति कुंतल बताया था, आज सरकार लागत मूल्य ही कम बता रही है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में बुंदेलखंड में बहुत बड़ा बदलाव आया है। आपकी सरकार ने धान खरीद की लेकिन उसका भुगतान नहीं किया था। गन्ना किसानों का 11 हजार करोड़ रुपये का भुगतान आप लोग छोड़ कर चले गए थे।
आप लोगों ने किसानों की हालत बदतर बनाकर रखी थी। यूरिया लेने के लिए किसानों को लाठियां खानी पड़ती थीं। गन्ना मूल्य मांगने आए किसानों पर आपने लाठियां चलाई थीं। आप लोगों ने किसानों को भड़काने का काम किया है। सरकार को बदनाम करने के लिए कन्नौज से आलू लाकर लखनऊ में फेंका गया। योगी सरकार ने किसानों का मंडी टैक्स दो प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया है।
आपकी सरकार ने पांच साल में 95 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया था जबकि हमारी सरकार ने 1.67 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा विधायकों ने सदन का बहिर्गमन किया। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह कार्यस्थगन अस्वीकार कर सूचना सरकार के पास आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दी है।