पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम ने नोटबंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। चिंदबरम ने इसे साल का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए नोटबंदी के कदम को गरीबों पर हमला बताया है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा है कि गुरुमूर्ति के अनुसार नए 2000 के नोट बंद हो जाएंगे। लेकिन हालात ऐसे हैं कि सारे नए नोट बंद हो जाएंगे। वो भी जल्द ही। क्योंकि नए नोट जनता के पास नहीं घोटालेबाजों के पास पहुंच रहे हैं। चिदंबरम ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में अगर 15 लाख 44 करोड़ की करंसी पूरी की पूरी वापस आ गई तो इस पूरे कवायद को क्या कहेंगे। उन्होंने आरबीआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए नोटबंदी पर ‘खोदा पहाड़, निकली चुहिया’ का तंज भी कसा।

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चिदंबरम ने दावा किया कि नोटबंदी से न करप्शन रुका और न ही काले धन पर असर पड़ा। यहां तक कि टेरर फंडिंग भी बंद नहीं हुई। पी चिंदबरम ने कहा कि नोटबंदी केंद्र सरकार का गरीबों पर सबसे बड़ा हमला है। उन्होंने कहा, ’45 करोड़ की आबादी रोजाना की मजदूरी पर आधारित है। सरकार ने उनकी कमर तोड़ दी है।’ चिदंबरम ने कहा कि अगर सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गया तो बड़ा सवाल है कि यह एक्सरसाइज क्यों की गई।
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उन्होंने रिजर्व बैंक के अलावा आरएसएस विचारक के इंटरव्यू को कोट करते हुए बताया कि करीब 13 लाख करोड़ से अधिक पैसा अबतक बैंकों में वापस आ चुका है। चिदंबरम ने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह को कोट करते हुए कहा कि लॉन्ग टर्म में देश की जीडीपी इससे बुरी तरह से प्रभावित होगी। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘जीडीपी के लिए लॉन्ग टर्म इंपैक्ट निगेटिव होगा। साल के शुरुआत में आरबीआई ने कहा कि 7.6 फीसदी की दर से विकास होगा। बाद में कहा कि फर्स्ट हाफ में विकास 7.1 फीसदी की दर से होगा। अब कह रहे हैं कि पूरे साल विकास दर 7.1 फीसदी के आसपास रहेगी।’
चिदंबरम ने कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह का आकलन है कि जीडीपी 2 फीसदी घटेगी।’ लोग क्यों नहीं विरोध कर रहे? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘लोग लाइन में लगे हैं कैश के लिए। लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। लोग अगर आपकी (मीडिया) तरह से विरोध नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं लगाया जा सकता कि विरोध नहीं कर रहे हैं।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अमीर आदमी पर नोटबंदी का असर पड़ेगा यह केवल एक भ्रम है। मैंने किसी भी अमीर आदमी को परेशान होते नहीं देखा। मैं एक शादी की पार्टी में गया था। किसी के माथे पर चिंता की रेखा नहीं थी।’
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