इससे पहले उस समय हड़कंप मच गया था जा करीब दोपहर 1:20 बजे मुख्यमंत्री अाचानक राज्यपाल राम नाईक से मिलने राजभवन पहुंच गये थे। अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि शायद मुख्यमंत्री इस्तीफा देने या विधान सभा भंग करने की सिफारिश के लिए राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे हैं। लेकिन 20 मिनट की मुलाकात के बाद यह साफ़ हुआ कि यह सिर्फ शिष्टाचार भेट थी। मुख्यमंत्री ने 23 अक्टूबर को अपने मंत्रिमंडल की बैठक में विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा।
करीब 205 विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दिया। जिसके बाद राज्यपाल भी संतुष्ट दिखे और कहा कि यह सियासी संकट नहीं बल्कि पारिवारिक है। इसे जल्द से जल्द सुलटा लिया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की और कहा कि सभी लोग जी जान से दुबारा सरकार बनाने के लिए जुट जाएं।इससे पहले शिवपाल यादव ने मंत्री पवन पांडे को पार्टी से बर्खास्त कर दिया और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त किया जाए. हालांकि अभी तक इस पर मुख्यमंत्री ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है।