पटना: जदयू ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के भीतर के कलह का बिहार पर कोई असर नहीं है तथा उनकी पार्टी की उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव में लाभ उठाने के लिए ‘आग में घी डालने’ की सोच नहीं रही है.
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी के संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की बिहार इकाई के जदयू में विलय और एनपीपी के प्रदेश अयक्ष संजय वर्मा अन्य पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ जदयू शामिल हुए. अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से ने उत्तरप्रदेश में सपा के भीतर उत्पन्न कलह के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उत्तर प्रदेश की घटना (सपा के आंतरिक कलह) का बिहार पर किसी प्रकार असर नहीं होने वाला है.
उन्होंने कहा कि हमारी कामना है कि सपा संगठित रहे और उसके मतभेद खत्म हो लेकिन हमारी मान्यता है कि जहां भी समाजवादी शक्ति है उनके अंदर झगड़ा एवं विवाद नहीं हो तो देश के लिए अच्छा है.
उन्होंने कहा कि सपा में किसी प्रकार की टूट होने पर आसन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जदयू को कितना फायदा होगा, इस बारे में पूछे जाने पर वशिष्ठ ने कहा कि उनकी आग में घी डालने की सोच नहीं रही है.
वशिष्ठ ने कहा कि सुशासन का प्रश्न और गरीब जनता समाजवादी शक्तियों के एजेंडे का प्रमुख हिस्सा है. कुछ कारणों से या पहले की कुछ घटनाओं के कारण समाजवादी एकजुट नहीं हो पाए पर हमलोग यही चाहते हैं कि वे एक मंच पर आए और इसके लिए प्रयास होना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय काउंसिल की हाल में संपन्न बैठक में यह निर्णय लिया कि ऐसी शक्तियों को जोड़ने का काम नीतीश कुमार के नेतृत्व में होना चाहिए.