बिहार के विधायकों की मासिक तनख्वाह करीब एक लाख रुपये से ज्यादा है लेकिन ऐसा लगता है मानो इतनी मोटी तनख्वाह भी इनके लिए नाकाफ़ी है. शायद यही वजह है कि अब बिहार में नेता अपने सरकारी बंगलों को भी किराए पर दे रहे हैं और लाखों रुपये वसूल रहे हैं.ये भी पढ़े: केजरीवाल के मंत्री आज खोलेंगे ‘आप’ की पोल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में होगी जानकारी
दरअसल, मामला बिहार सरकार में 2 मंत्रियों से जुड़ा हुआ है. अब्दुल गफूर जो कि बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं और शिवचंद्र राम जो कि कला एवं संस्कृति और युवा मामलों के मंत्री है, इन दोनों ने मंत्री बनने के बाद मिली आलीशान सरकारी बंगले का व्यवसायिक इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और लाखों कमा रहे.
मोटी कमाई के चक्कर में इन दोनों आरजेडी नेताओं ने अपने सरकारी बंगले के अंदर कई एकड़ खाली जमीन को शादी-विवाह के लिए किराए पर देने का काम कई महीनों से चला रखा है.
‘आजतक’ की टीम को जब इस बात की जानकारी मिली तो वह इसकी तहकीकात करने इन दोनों मंत्रियों के सरकारी बंगले पर पहुंची तो जानकरी सही पाई गई. अब्दुल गफूर के सरकारी बंगले 3, टेलर रोड के अंदर और शिवचंद्र राम के 12, स्टैंड रोड बंगले के अंदर सालभर पंडाल लगे रहते हैं और शादियों के मौसम में लोग यहां पर बुकिंग कराते हैं जिससे यह दोनों मंत्री लाखों रुपये रोजाना कमाते हैं.
जानकारी के मुताबिक एक दिन के लिए बंगले की जमीन किराए पर देने की कीमत है तकरीबन 2.5 लाख से 3 लाख रुपये है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने सरकारी बंगलों का व्यवसायिक इस्तेमाल करने के इस मुद्दे को उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि वह तुरंत इन दोनों मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें और इनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाए.
सुशील मोदी ने कहा कि अब्दुल गफूर और शिवचंद्र राम ने जिस तरीके से अपने सरकारी बंगले को शादी-विवाह स्थल में बदल दिया है वो गैर कानूनी है और इसके लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.