बाइक चलाते समय हेलमेट ना लगाना कितना भारी पड़ सकता है इसका अंदाजा परिवहन विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों से लगाया जा सकता है। राज्यों द्वारा परिवहन मंत्रालय को जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में हेलमेट ना लगाने की वजह से हर रोज 28 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठें। तो वहीं सीट बेल्ट ना लगाने की वजह से प्रतिदिन 15 लोगों की मौतें हुईं।
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सीट बेल्ट और हेलमेट ना लगाने की वजह से 43 लोगों की मौत
आंकड़ों की मानें तो भारत की सड़कों पर साल 2016 में हुए हादसों में हर रोज 43 लोगों की मौत सीट बेल्ट और हेलमेट ना लगाने की वजह से हुई। इस साल हर 100 सड़क हादसों में 31 लोगों की मौत हो गई जो पिछले साल की तुलना में काफी अधिक थी।
यूपी में सबसे अधिक 3818 मौतें
आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में हर 5 में एक शख्स की मौत हेलमेट ना लगाने की वजह से हुई। साल 2016 में कुल 10,135 लोगों की हेलमेट ना लगाने की वजह से रोड एक्सिडेंट में मौत हो गई। जिनमें यूपी में सबसे अधिक 3818 मौतें हुईं। तो वहीं तमिलनाडु में 1,946 और महाराष्ट्र में 1,113 लोगों ने हेलमेट ना लगाने की वजह से अपनी जान गंवाई। यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हेलमेट लगाने से एक्सिडेंट में बचने की संभावना 42 फीसदी तक बढ़ जाती है।
राज्यों ने परिवहन मंत्रालय को सीट बेल्ट ना लगाने की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा भी दिया। इन आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में कुल 5,638 लोगों की मौत सीट बेल्ट ना लगाने की वजह से हुई जिनमें सबसे अधिक 2,741 मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं।
2015 की तुलना में अधिक मौतें
आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में सड़क हादसों से भारत में कुल 1.51 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई जो साल 2015 की तुलना में अधिक है। बता दें कि साल 2015 में 1.46 लाख लोगों की रोड एक्सिडेंट में मौत हुई थी।
साल 2016 में सड़क हादसों में मरने वाले 68 फीसदी लोगों की उम्र 18 से 45 साल के बीच थी। जो सबसे अधिक प्रोडक्टिव उम्र मानी जाती है। आंकड़ों के मुताबिक बाइक ट्रांसपोर्ट का सबसे अनसेफ मोड है, जो ना केवल बाइक राइडर्स के लिए बल्कि सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों के लिए भी सबसे अधिक खतरनाक होता है।
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