BJP अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक में करेंगे लिंगायत मठ का दौरा
10 दिनों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट को पक्का किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि एक साल के अंदर आधुनिक हथियार देश को सौंप दिए जाएंगे। सेना ने साल 2005 में 382 बटालियन के लिए कर्बाइन्स की मांग की थी। इस बटालियन में प्रत्येक 850 सैनिक हैं। साल 2009 में मशीन गन का मामला शुरू हुआ था लेकिन कुछ अजीब तकनीकी पैरामीटर्स की वजह से यह प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पाया था।
एफटीपी के रास्ते ही सेना को हथियार उपलब्ध कराए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए इस समय जरूरत 8.16 लाख के नए 7.62x51mm की मारक क्षमता वाली राइफल्स की है जो फिलहाल इस्तेमाल हो रही 5.56mm की जगह लेगी। इसी तरह सेना को 4.58 क्वार्टर बैटल कार्बाइन्स और 43,544 लाइट मशीन गन्स की जरूरत है। इनमें से ज्यादातर हथियारों की जरूरत थलसेना को है जबकि कुछ नौसेना और एयरफोर्स को भी दिए जाने हैं।