सरकार को लगता है कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास जो पैसा आया है, शायद उनकी गिनती ठीक से नहीं हुई है। बैंकों के पास बैन हो चुके 13 लाख करोड़ रुपये के नोट आ चुके हैं।
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इस तरह से जितनी करंसी को कैंसल किया गया था, वह पूरी रकम उन्हें मिल चुकी है, जबकि पुराने नोटों को जमा कराने की डेडलाइन 30 दिसंबर है। सरकार ने रिजर्व बैंक और बैंकों से जमा कराए गए नोटों को फिर से चेक करने को कहा है।
केंद्र को उम्मीद है कि करेंसी की सप्लाई में जल्द सुधार होगा। 9 नवंबर के बाद से सिस्टम में 5 लाख करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। अब 500 रुपये के नए नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने बताया, ‘आरबीआई ने बताया है कि 12.5 लाख करोड़ रुपये बैंकों के पास आ चुके हैं। हमें लगता है कि इसमें डबल काउंटिंग की गलती हुई है। इसलिए हमने आरबीआई और बैंकों से इसे चेक करने को कहा है।’ 500 और 1,000 रुपये के जिन पुराने नोटों को कैंसल किया गया था, उनकी वैल्यू 15.4 लाख करोड़ रुपये है।
दास ने बताया कि नोटबंदी के बाद 5 लाख करोड़ रुपये की करंसी सिस्टम में डाली जा चुकी है। उन्होंने बताया, ‘करंसी सप्लाई में काफी सुधार हुआ है। आने वाले 2-3 हफ्तों में हालात और बेहतर होंगे क्योंकि 500 के नए नोटों की सप्लाई बढ़ेगी।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि 30 दिसंबर के बाद इस मामले में हालात खराब होने की आशंका नहीं है।
अभी बैंकों और एटीएम से पैसा निकालने की पाबंदी 30 दिसंबर तक लगाई गई है। अभी बैंकों से एक हफ्ते में 24,000 रुपये और एटीएम से प्रति दिन 2,500 रुपये निकालने की लिमिट है। ऐसे संकेत मिले हैं कि इनमें आगे जाकर ढील दी जाएगी, लेकिन पाबंदी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाएगा। रिजर्व बैंक का ध्यान अब 500 रुपये के नए नोटों की प्रिंटिंग पर है। इसलिए अगले 2-3 हफ्तों में करंसी की सप्लाई बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।
दास ने कहा, ‘500 के नए नोटों की प्रिंटिंग पर फोकस से मुझे 14-21 दिनों में हालात सुधरने की उम्मीद दिख रही है।’ उन्होंने कहा कि नोटबंदी के तुरंत बाद फोकस 2,000 रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ाने पर था, जिससे लोगों की परेशानी कम की जा सके। उन्होंने बताया, ‘आज 2,000 रुपये के नोट का काफी स्टॉक है। इसलिए 500 रुपये के नोट की प्रिंटिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इनकी छपाई काफी बढ़ी है क्योंकि सिस्टम में 2,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल हो रहा है।’
उन्होंने बताया कि छापों में जो नई करंसी पकड़ी जा रही है, उसे भी तुरंत सिस्टम में डाला जा रहा है ताकि नोटों की सप्लाई बढ़े। उन्होंने बताया कि 100, 50, 20 और 10 रुपये के नोटों की जितनी सालभर में सप्लाई की जाती है, उसका तीन गुना पिछले पांच हफ्तों में डाला गया है। 8 नवंबर से पहले 1.60 लाख करोड़ रुपये के 100 रुपये के नोट सिस्टम में थे। उसके बाद से 80,000 करोड़ रुपये के 100 रुपये के नोट सिस्टम में डाले गए हैं।