नई दिल्ली : भारत की ओर से एलओसी के पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के पास सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई के सबूत मौजूद हैं। दूसरी ओर, ड्रोन, सेटेलाइट और भारतीय सैनिकों ने इस कार्रवाई की रिकॉर्डिंग की है लेकिन सेना और खुफिया एजेंसी इस वीडियो को जारी करने के खिलाफ है।
सर्जिकल स्ट्राइक का विडियो
सूत्रों के अनुसार, केंद्र के पास तीन सूत्रों से भेजे गए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मौजूद हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पीओके में भारतीय सेना की ओर से अंजाम दिए गए सर्जिकल स्ट्राइक के यूएवी (ड्रोन) से लिए गए सबूत हैं। यूएवी के जरिये इस कार्रवाई का वीडियो सरकार के पास है। दूसरा सबूत यह है कि सैटेलाइट के जरिये भी सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो बनाया गया है। इसके अलावा, सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के समय भारतीय सैनिकों जो हेल्मेट पहने थे, उस पर लगे कैमरे से भी कार्रवाई की रिकाडिंग की गई है, जो सबूत के तौर पर केंद्र के पास मौजूद है।
सूत्रों के अनुसार, सेना सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत तौर पर मौजूद वीडियो को जारी करने के खिलाफ है। एनएसए और खुफिया एजेंसियां भी इस वीडियो को जारी करने के खिलाफ है। बता दें कि खुफिया विभाग ने केंद्र सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े हर पहलू की जानकारी दी है।
दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार सर्जिकल स्ट्राइक के समय आतंकियों के कई ठिकाने पूरी तरह नष्ट हुए है। एलओसी के पास मौजूद कुछ चश्मदीदों ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की पुष्टि की है। कुछ गवाहों ने यह भी कहा कि लश्कर ने इस कार्रवाई के बाद आतंकी हमले की धमकी दी। गवाहों ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चल्हाना के मस्जिद में आतंकी जमा हुए। वहां लश्कर के आतंकी भारत पर हमले की धमकी दे रहे थे।