परमिट पाने के लिए ऑपरेटर्स को अपना रूट प्लान जमा करवाना होगा। जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा पहले से तय किए क्षेत्रों के अलावा किसी भी रूट पर रात्री विश्राम की इजाजत नहीं है। सूर्यास्त के बाद कोई बस नहीं चलेगी। किसी भी अप्रत्याशित स्थिती में ड्राइवर, कंडक्टर सहित पांच यात्री आपातकालीन परिस्थिती का सामना करेंगे। उनके पास जिले, राज्य और अमरनाथ यात्रा के कंट्रोल रूम का नंबर होना चाहिए। परिवहन आयुक्त आरएम जादव का कहना है कि पिछले साल हुए आतंकी हमले के बाद यह दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। उन्होंने कहा- इसके जरिए पूरी तैयारी और टूर ऑपरेटर्स को अलर्ट करने की कोशिश की गई है। हमने एडवांस में टूर ऑपरेटर्स को सर्कुलर दे दिया है ताकि वह बुकिंग से पहले अपनी पूरी तैयारी कर सकें।
सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए तय की ड्राइवरों की उम्रसीमा, परेशानी में टूर ऑपरेटर
लगभग एक साल पहले गुजरात के अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला किया गया था। जिसके मद्देनजर अब गुजरात परिवहन आयुक्त ने सभी सड़क परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) और टूर ऑपरेटर्स के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। जिसके जरिए अप्रत्याशित स्थितियों से निपटने के लिए तैयारी की जा सके। यह सर्कुलर इस साल अमरनाथ यात्रा से पहले जारी किया गया है। जिसमें सभी आरटीओ से कहा गया है कि वह टूर ऑपरेटर्स को तभी परमिट जारी करें जब वह अमरनाथ बोर्ड द्वारा जारी किए गए रजिस्ट्रेशन फॉर्म को एडवांस में जमा करवाएं। जिसमें बस के विवरण सहित, परमिट नंबर, यात्रियों के नाम और पते सहित उनके रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर हो।
इस सर्कुलर में बस के अलावा ड्राइवरों की उम्र को भी तय कर दिया गया है। सर्कुलर में कहा गया है- आठ साल पुरानी बसों को अमरनाथ यात्रा के दौरान नहीं चलाया जाएगा। बस के गेट को मैन्युअली संचालित किया जाना चाहिए। ड्राइवर शारीरिक रूप से एकदम फिट और उसकी उम्र 50 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उसका जम्मू और कश्मीर की भौगोलिक, मौसमी, सड़क की स्थिति से वाकिफ होना चाहिए। इसके अलावा सर्कुलर में ड्राइवरों की ट्रेनिंग को अनिवार्य करने के लिए कहा गया है। ड्राइवर को प्राथमिक चिकित्सा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी और उसके पास प्राथमिक चिकित्सा किट होगी। ड्राइवरों की ट्रेनिंग यात्रा शुरू होने से पहले 15 मई को होगी। सर्कुलर में ड्राइवर और टूर ऑपरेटर्स से कहा गया है कि वह अपने रूट से चिपके रहें।