सरकार ने पूरे देश में कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन को कुछ नियमों और शर्तो के साथ खोल दिया है। लगभग सभी इलाकों में बाजार खोलने की अनुमति भी दे दी गई है, लेकिन इन सबके बावजूद गुजरात के कपड़ा व्यापारी श्रमिकों की किल्लत से परेशान है। इन व्यापारियों ने सरकार से क्वारंटाइन नियमों में छूट की मांग की है। जिससे प्रदेश से बाहर अपने घरों का रुख करने वाले मजदूर फिर से काम पर लौट सकें। 
गुड लक मार्केट में कपड़ा व्यवसायी दिनेश कटारिया ने एएनआई से बात करते हुए कहा, ” मजदूरों के बिना उद्योग नहीं चल सकता मजदूरों के पास पैसा नहीं है। अगर उन्हें वापस लौटने पर 14-दिवसीय होम क्वारंटाइन भेजा जाता है तो उन्हें पैसे, आवास और भोजन जैसी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि सूरत की कपड़ा मार्केट से देश भर में कपड़े का व्यापार होता है। जिसे अनलॉक 1के तहत काम करने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन लॉकडाउन के बीच श्रमिकों की कमी के कारण मार्केट से लेकर यहां मौजूद फैक्ट्रियां अनुमति के बाद भी नहीं चल पा रही हैं।
इसे लेकर कपड़ा व्यवसायी दिनेश कटारिया ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि क्वारंटाइन के नियमों में कुछ छूट दी जानी चाहिए। तभी श्रमिक काम पर लौट सकेंगे। 14 दिनों तक क्वारंटाइन के डर से श्रमिक वर्ग काम पर नहीं लौट रहा है। दिनेश कटारिया ने कहा कि हमने श्रमिकों और मार्केट की समस्या मुख्यमंत्री रुपाणी को लिखित पत्र कि द़वारा सामने रखी है। साथ ही क्वारंटाइन में कुछ छूट की मांग की है।
व्यापारियों का दावा है कि जब तक क्वारंटाइन के नियमों में मजदूरों को छूट नहीं मिलेगी तब तक काम होना असंभव है, उन्होंने कहा कि स्टॉक में रखें सामान को गोदाम से लाने से लेकर गाड़ियों में लादने और उन्हें दुकानों समेत अन्य राज्यों में पहुंचाने के लिए सबसे ज्यादा श्रमिकों की जरूरत होती है। ऐसे में बिना श्रमिकों के काम होना नामुमकिन है।
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