केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय आवास बैंक और हुडको समेत सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे बैंकों को निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान लेने वालों में से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) का फायदा पहुंचाएं। इसके लिये स्कीम को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। जिससे 2022 तक योजना का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
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मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा गुरुवार को पीएमएवाई के तहत दी जाने वाली सीएलएसएस की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने नोडल एजेंसी के तौर पर काम रह रहे राष्ट्रीय आवास बैंक व हुडको को एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया है। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मिशन के लक्ष्य का एक चौथाई सीएलएसएस के दायरे में लाया जा सके। वहीं, दिसंबर तक एमआईजी श्रेणी का मकान लेने वाले दो लाख लोगों की भी नोडल एजेंसियों को पहचान करनी है।
बैठक के दौरान बताया गया कि योजना के तहत अभी तक किफायती दर के 21 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसमें से 43,166 ईडब्ल्यूएस मकान व एलआईजी लेने वालों के लोन की ब्याज पर सब्सिडी दे दी गई है। इन पर 824 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
वहीं, इस साल एक जनवरी से एमआईजी श्रेणी के मकानों को भी इसके दायरे में लाने के बाद से 250 लाभार्थियों को पांच करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गयी है। बैठक में दुर्गा शंकर मिश्रा ने स्कीम को प्रोत्साहन देने की जरूरत बताई।
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