मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. सभी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर असामाजिक लोग हिंसा कर रहे हैं. इन सभी के खिलाफ राज्य सरकारें कड़ी कार्रवाई करें.ब्रेकिंग न्यूज़: J&K हाईवे पर अमरनाथ यात्रा के लिए जा रही बस खाई में गिरी, 10 लोगो की हुई मौत…
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में गोमाता की रक्षा होनी चाहिए और उसके लिए कानून है, लेकिन जो तत्व इसका नाजायज फायदा उठा रहे हैं. उस पर सभी राज्य कार्रवाई करें.
‘राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति रहती तो अच्छा रहता‘
राष्ट्रपति चुनाव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आम सहमति रहती, तो अच्छा रहता. अब तक आपस में कटुता का कोई भाव नहीं आया, इसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र हैं. प्रधानमंत्री ने सभी से मतदान में भाग लेने को कहा. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों में जीएसटी के पास होने और जीएसटी के लॉन्च होने पर सबका धन्यवाद किया.
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
प्रधानमंत्री ने सभी पार्टियों के नेताओं से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने को कहा. लालू का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को बचाया नहीं जाना चाहिए. भ्रष्टाचार के चलते राजनीतिक नेताओं की छवि लगातार गिरती जा रही है. पीएम मोदी के इस बयान को लालू यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से हमले के रूप में जोड़कर देखा जा रहा है.
बाढ़ पर पीएम नेे जताई चिंता
उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व के राज्यों में बाढ़ आई है. यह चिंता की बात है. इस संबंध में सेना को तैयार रखा गया है और राज्यों की पूरी मदद की जाएगी. बैठक के बाद बाहर आए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि जो लोग गोरक्षा के नाम पर हिंसा में लिप्त हैं, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
चीन से कैसे निपटेगी केंद्र सरकार?
दूसरी ओर सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को निर्णय करना है कि चीन के साथ कूटनीतिक तरीके से कैसे डील करना है. सरकार को इस बारे में सदन के भीतर जानकारी देनी चाहिए.
येचुरी ने कहा कि आतंरिक सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की जरूरत हैं. गौ रक्षा के नाम पर हत्या हो रही है. सरकार इस सत्र में 16 नए बिल पास कराना चाहती है, लेकिन हमारे हिसाब से तीन बिल अनिवार्य हैं. महिला आरक्षण बिल को पास कराना. तीन साल से यह बिल लटका हुआ है. किसानों की आत्महत्या को लेकर अनाज का उचित मूल्य मिले. इस मुद्दे पर बिल आना चाहिए.
उन्होंने कहा कि तीसरा आधार को लेकर जिस तरह से सूचना लीक हो रही हैं. ऐसे में राइट टू प्राइवेसी को लेकर बिल आना चाहिए.