सर्वोच्च न्यायालय ने शाहीन बाग केस में बुधवार को निर्णय सुना दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कोई सार्वजनिक स्थान को विरोध प्रदर्शन के लिए इस प्रकार से उपयोग नहीं किया जा सकता कहा कि सड़क को अनिश्चित काल तक अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। इस प्रकार के केस में प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विरोध का अधिकार संविधान में है किन्तु विरोध प्रदर्शन के लिए तय स्थान होना चाहिए। 
वही सामान्य लोगों को विरोध प्रदर्शन से परेशानी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने उम्मीद व्यक्त की है कि भविष्य में ऐसे हालात नहीं होंगे। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया की ऐसे हालात बनने पर प्रशासन को खुद ही कार्रवाई करनी चाहिए। किसी अदालत के आदेश की प्रतीक्षा नहीं करना चाहिए।
इसके साथ-साथ अदालत ने कहा कि ऐसे हालात में सोशल मीडिया के प्रोपगेंडा के माध्यम से स्थिति खराब होने का संकट बना रहता है। वही अब देखना ये है कि इस मामले पर आगे क्या निर्णय लिया जाता है, फिलहाल किसी भी सार्वजनिक जगह पर प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। वही यदि कोई नियमों का उल्लघन करता है तो उस पर कार्यवाही भी की जा सकती है
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