ट्रंप ने कहा ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’, क्या इससे भारत को होगा कई नुकसान ?
नाइजीरिया के ऑनलाइन अखबार साहेलीन के अनुसार घाना और नाइजीरिया से ये लोग लीबिया जा रहे थे। ताहेर के अनुसार अब तक शवों की पहचान के लिए अब तक कोई भी वहां नहीं पहुंच पाया है।
सफर जो बन सकता है मौत की राह
अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि सहारा जैसे एक विशाल इलाके में कितने लोग मारे गए हैं इसकी पुष्टि करना लगभग असंभव है। बीते साल जून में अल्जीरिया से सटे निजेर की सीमा के पास 34 प्रवासियों के शव पाए गए थे जिनमें 20 बच्चे थे। सरकार में एक मंत्री ने उस वक्त कहा था कि लगता है कि मानव तस्करी करने वालों ने उन्हें वहं छोड़े दिया था जिसके बाद प्यास से उनकी मौत हो गई।
मार्टिन के अनुसार “बेहतर ज़िदगी की तलाश में यूरोप का रुख करने वालों के लिए आगे जाने के लिए निजेर एक अहम जगह है। हर साल हजारों लोग इस रास्ते लीबिया पहुंचते हैं और नाव के जरिए यूरोप जाते हैं।”
वो कहते हैं “हर साल सहारा में कितने लोग मरते हैं ये कह पाना मुश्किल है क्योंकि ये विशाल इलाका सरकारी निगरानी से परे है। कई प्रवासी प्यास से मर जाते हैं जबकि कईयों को अपराधी या सुरक्षाबल हमला कर लूट लेते हैं।”