पिछली सरकारों ने 29 चीनी मिलें बंद की, योगी सरकार ने चालू करवाया
• बसपा ने 19 तो सपा ने 10 चीनी मिलें बंद कर किसानों के लिए संकट पैदा किया था, मुख्यमंत्री योगी ने बंद मिलों को चलाने के साथ नई मिलें भी चलाई
• योगी सरकार ने 3 साल में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मिलों की पेराई क्षमता में भी वृद्धि की
लखनऊ, 19 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना किसानों के हितों के संरक्षण को लेकर शुरू से ही प्रतिबद्ध रहे हैं। बसपा सरकार के वक्त 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश में 19 चीनी मिलें बंद हुई थी। इसी तरह समाजवादी पार्टी की सरकार में अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 तक 10 मिले बंद कर दी थी। जिससे गन्ना किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया था। 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण शुरू किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल बंद चीनी मिलों को चालू करवाया बल्कि उनके बकाया राशि का भुगतान भी शुरू करवाया। योगी सरकार ने 3 साल में डेढ़ दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों की पेराई क्षमता में भी वृद्धि करवाई। पुरानी मिलों को चालू कराया और नई मिलों का संचालन किया।
चौ. चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला से चीन मिलों के पुर्नउद्धार का काम शुरू किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि किसान खुशहाल होगा, तो देश खुशहाल होगा। स्व. चौधरी चरण सिंह ने भी ये बात कही थी। यही कारण था जब उत्तर प्रदेश का चीनी उद्योग बंद हो रहा था, तो हमारी सरकार ने सबसे पहले स्व. चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला की चीनी मिल की पुर्नउद्धार की कार्यवाही शुरू की। इसके शिलान्यास और उद्घाटन के समय वहां गया था।
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