दशहरा आने वाला है और दिल्ली समेत देश भर में इस पर्व की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं. इस दिन रावण का दहन कर असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाता है. दिल्ली के राजौरी गार्डन के तितरपुर बाजार दिल्ली का सबसे बड़ा पुतला बाजार है जहां रावण के पुतले बनाये जाते हैं. लेकिन इस बार रावण दहन से पहले ही एमसीडी ने रावण का वध कर दिया है. पूरे बाजार में एमसीडी ने अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुवात कर दी जिससे सैकड़ों की तादाद में रावण के पुतलों को एमसीडी ने जब्त कर लिया.
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दरअसल तितरपुर में दशहरे के त्योहार से 10 से 15 दिन पहले पुतले का बाजार का सजता है जिसमे हज़ारों की तादाद में रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले बनाये जाते है. यहां से लोग पुतले खरीदते हैं लेकिन इस बार एमसीडी ने ना सिर्फ व्यापारियों का नुकसान किया बल्कि रावण के पुतले की खरीदारी को भी महंगा कर दिया है.
इस बाजार में 5 फुट से लेकर 45 फुट तक रावण के पुतले बनाये जाते हैं और ये बाजार 30 साल यहीं लगता आ रहा था. एक महीने के लिए लगने वाले इस बाजार में एक पुतला बनाने में करीब 4 से 5 दिन का समय लगता है लेकिन इस बार ये बाजार एमसीडी के डंडे का शिकार बन गया है.
दिल्ली का तितरपुर इलाका दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में आता है दक्षिणी दिल्ली की मेयर कमलजीत सेहरावत ने इसके लिए व्यापारियों को ही दोषी ठहराया है. एमसीडी का कहना है इससे सड़कों पर अव्यवस्था फैल जाती है, व्यापारी रावण के पुतले बना बना कर उसे सड़कों पर रख देते है जिससे वहां के लोगों को ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. मेयर ने बताया कि लोगों की बार-बार शिकायत आ रही थी जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि एमसीडी आस्था के खिलाफ नहीं है लेकिन इससे दूसरे लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए, अगर लोग सड़कों पर जगह-जगह रावण के पुतले नहीं रखते तो कोई समस्या नहीं थी.
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