गोस्वामी ने संजय गांधी के दोस्त होने का दावा करते हुए शपथपत्र पेश करते हुए कहा, उनकी जानकारी में है कि मेनका गांधी से विवाह से पूर्व संजय गांधी को एक लड़की हुई थी। वे पक्का दावा नहीं कर सकते कि प्रिया ही वह लड़की है लेकिन प्रिया का चेहरा, नैन-नक्श, चलने का स्टाइल संजय गांधी व उनके परिवार से मिलता है।
प्रिया की मां के बारे में वे चुप्पी साध गए और कहा कि कई लड़कियां संजय गांधी से मिलने आती थीं। ऐसे में वह कैसे दावा कर सकते हैं कि उनमें से कौन प्रिया की मां हैं। प्रिया ने कहा संजय गांधी ने 21 वर्ष की आयु में उनकी मां से मंदिर में विवाह किया था और उनका जन्म 12 दिसंबर 1968 को हुआ। उसका नाम प्रियदर्शनी रखा गया लेकिन राजनीतिक कारणों से उसे बलदेव सिंह पाल व उनकी पत्नी शीला सिंह पाल को देखभाल के लिए सौंप दिया गया।
बाद में वर्ष 1974 में विधिवत रूप से उक्त दंपति ने गोद ले लिया व उन्हें जबरन मुंबई भेज दिया गया। प्रिया ने कहा वे ज्यादातर मुंबई में ही रहीं और वर्ष 2010 में जब दिल्ली आईं तो गुजराल परिवार ने उन्हें तुंरत दिल्ली से वापस जाने की सलाह दी। बार-बार पूछने पर विमला गुजराल ने उन्हें बताया कि उनके असली पिता संजय गांधी हैं लेकिन उन्होंने मां का नाम बताने से इंकार कर दिया। यह सुनकर उसे खुशी नहीं हुई बल्कि झटका लगा था।
उन्होंने कहा कि उन्हें मुंबई भेजने का एक कारण यह भी रहा होगा कि जनसंघ इंद्रा गांधी के पीछे पड़ा था और यदि उसका पता चल जाता तो वे ब्लैकमेल कर सकते थे। यही कारण है कि उनके वर्तमान माता-पिता ने हमेशा ही उन्हें कुछ नहीं बताया और हमेशा छिपा कर रखा। प्रिया ने कहा उन्हें संजय गांधी की दौलत नहीं चाहिए। उन्हें मात्र नाम चाहिए और वे असली पहचान पाने के लिए बेचैन हैं। प्रिया ने गोद लेने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा उन्हें दो संस्थाओं के जरिए पाल दंपति को गोद दिया गया और दोनों में ही अलग-अलग दस्तावेज हैं। यही कारण है कि उन्होंने तीस हजारी अदालत में इस मुद्दे को लेकर मुकदमा भी दायर किया है।