दिनभर की थकान के बाद सुकून और आराम के लिए जब आप अपने बिस्तर पर पहुंचते हैं तो क्या वाकई अगली सुबह आप रिफ्रेश होकर उठते हैं या कई बीमारियां आपकी सेहत पर हमला कर चुकी होती है।
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दरअसल सोने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तकिये के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं कि अगर इसका यूज ढंग से नहीं किया गया तो ये आपको बीमार तक कर सकता है। जी हां तकिया संक्रमण फैलाने का बड़ा स्त्रोत होता है। जानते हैं आखिर कैसे तकिया आपकी सेहत बिगाड़ सकता है।
मुहांसे
कई लोगों को तकिये में चेहरा छिपाकर सोने की आदत होती है पर ऐसे लोगों को शायद ही पता हो कि ऐसा करने से उन्हें मुहांसों की समस्या हो सकती है। तकिये में धूल और सिर का ऑयल चिपका हुआ होता है जैसे ही व्यक्ति कि स्किन इसके संपर्क में आती है तो चेहरे पर मुहांसे निकलने लगते हैं। मुहांसों से बचने के लिए उसके कवर को हफ्ते में 3 दिन बार जरूर धोयें।
कई लोगों को तकिये में चेहरा छिपाकर सोने की आदत होती है पर ऐसे लोगों को शायद ही पता हो कि ऐसा करने से उन्हें मुहांसों की समस्या हो सकती है। तकिये में धूल और सिर का ऑयल चिपका हुआ होता है जैसे ही व्यक्ति कि स्किन इसके संपर्क में आती है तो चेहरे पर मुहांसे निकलने लगते हैं। मुहांसों से बचने के लिए उसके कवर को हफ्ते में 3 दिन बार जरूर धोयें।
एलर्जी
इतना ही नहीं धूल में मौजूद कणों की वजह से व्यक्ति को एलर्जी और अस्थमा जैसी गंभीर रोग भी अपना शिकार बना सकते हैं। तकिये में मौजूद धूल और गन्दगी में नमी के कारण बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो सोते समय आपके नाक या मुंह के जरिए शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।जिसकी वजह से खांसी,अस्थमा जैसी कई दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। इस परेशानी से बचने के लिए समय-समय पर तकिये के खोल को धोकर धूप में जरूर सुखाएं।
इतना ही नहीं धूल में मौजूद कणों की वजह से व्यक्ति को एलर्जी और अस्थमा जैसी गंभीर रोग भी अपना शिकार बना सकते हैं। तकिये में मौजूद धूल और गन्दगी में नमी के कारण बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो सोते समय आपके नाक या मुंह के जरिए शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।जिसकी वजह से खांसी,अस्थमा जैसी कई दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। इस परेशानी से बचने के लिए समय-समय पर तकिये के खोल को धोकर धूप में जरूर सुखाएं।
पीठ में दर्द
अगर आपको आज भी अपने पुराने पिचके हुए तकिये से बेहद प्यार है तो आपनी आदत के साथ अपने तकिये को भी बदल डालें। आपकी ये आदत आपकी पीठ या गर्दन के दर्द का कारण बन सकती है। सोते समय गर्दन को सपोर्ट की जरूरत होती है, अगर तकिया गर्दन को ढ़ंग से सपोर्ट नहीं दे पाता तो उस दिशा में मुमकिन है कि आपका गर्दन का दर्द लंबे वक्त तक टिका रहे।
अगर आपको आज भी अपने पुराने पिचके हुए तकिये से बेहद प्यार है तो आपनी आदत के साथ अपने तकिये को भी बदल डालें। आपकी ये आदत आपकी पीठ या गर्दन के दर्द का कारण बन सकती है। सोते समय गर्दन को सपोर्ट की जरूरत होती है, अगर तकिया गर्दन को ढ़ंग से सपोर्ट नहीं दे पाता तो उस दिशा में मुमकिन है कि आपका गर्दन का दर्द लंबे वक्त तक टिका रहे।