आम लोगों में बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गईं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल सेविंग्स स्कीम (एनएससी) के नियमों में सरकार ने अहम बदलाव किए हैं. इस बदलाव के बाद आपका एक फैसला आपके अकाउंट को मैच्योरिटी से पहले ही बंद करवा सकता है.
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सरकार की तरफ से यह बदलाव पीपीएफ योजना, 1968 के तहत किया गया है. सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. इसके मुताबिक यह बदलाव अक्टूबर महीने की शुरुआत से ही लागू हो चुका है.
अधिसूचना के मुताबिक पीपीएफ खाता खोलने वाला कोई व्यक्ति अगर नॉन-रेजिडेंट इंडियन (एनआरआई) का दर्जा प्राप्त कर लेता है, तो उसका अकाउंट बंद कर दिया जाएगा.
सरकार ने साफ किया है कि एक बार किसी व्यक्ति को नॉन-रेजिडेंट इंडियन (प्रवासी भारतीय) का दर्जा मिल जाता है, तो वह इन स्कीम्स में निवेश जारी नहीं रख सकता.
एनएससी के संबंध में जारी अधिसूचना में सरकार ने कहा है कि जिस दिन खाताधारक एनआरआई का दर्जा प्राप्त कर लेता है, उसी दिन उसे खाते का पूरा भुगतान कर दिया जाएगा. ऐसे खाताधारकों को इसी दिन तक ब्याज मिलेगा.
पीपीएफ और एनएससी पर मौजूदा समय में 7.8 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है. यह बैंकों की तरफ से बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज से कई गुना ज्यादा है.
पीपीएफ अकाउंट में आपको 15 साल तक निवेश करना होता है. महज 100 रुपये में यह खाता खुल जाता है. इसमें आपको सालाना न्यूनतम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा करने होते हैं.
वहीं, नेशनल सेविंग्स स्कीम भी छोटी-छोटी बचत को बढ़ावा देने के लिए है. इसमें निवेश कर के टैक्स छूट समेत अन्य फायदे लिए जा सकते हैं.