साइबर जालसाजी से बचने के लिए लखनऊ एसएसपी ने एडवाइजरी में सतर्क रहने व कुछ उपाय अपनाने की सलाह दी है। गंदे व खस्ताहाल बूथ में एटीएम से रकम निकालने से बचें, क्योंकि वहां फर्जी मशीन का सेटअप करके कार्ड का डाटा चुराया जा सकता है। असामान्य संकेत देने वाली एटीएम का इस्तेमाल न करें।अभी-अभी: लाइव मैच के दौरान इस खिलाड़ी ने खुद पर डाला पेट्रोल, स्टेडियम में मचा हडकंप…
कोई मशीन पिन कमांड दो बार मांगे या की-पैड ढीला या खराब दिखाई दे, तो जालसाज द्वारा छेड़छाड़ की गई हो सकती है। एटीएम में पिन नंबर दर्ज करने के दौरान की-पैड अच्छी तरह से ढंक लें, ताकि गोपनीय जानकारी किसी कैमरे में न जा सके।
– ऐसे एटीएम बूथ में जाएं जहां सुरक्षाकर्मी तैनात हो। एटीएम का इस्तेमाल खुद ही करें। कोई समस्या आने पर अपरिचित की मदद कतई न लें। भले ही वह खुद आपकी सहायता करना चाहता हो।
– ई-शॉपिंग के लिए सुरक्षित वेबसाइटों का ही इस्तेमाल करें जो कि ब्राउजर बॉक्स में लॉक साइन प्रदर्शित होता है, यानी https protocol लगा हो, इसमें s का तात्पर्य सिक्योर है।
– कंप्यूटर व स्मार्टफोन में एंटीवाइरस डाउनलोड करने के साथ उसे अपडेट करते रहें। इससे वाइरस व मालवेयर से बचाव किया जा सकता है। आइडेंटिटी थेप्ट डेटेक्शन एप इंस्टाल कर सकते हैं।
– सीवीवी नंबर वेबसाइट पर एंटर करने के दौरान छिपा दें। विदेशी वेबसाइटों से शॉपिंग के दौरान सीवीवी नंबर से ही पहचान होती है। हमेशा वरचुअल की-बोर्ड का प्रयोग करके की-स्ट्रोक से बचें।
– सबसे जरूरी है कि बैंक प्रत्येक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए अलर्ट करे। इसके लिए मोबाइल नंबर सक्रिय रखें।
– सोशल मीडिया साइट्स व ऑनलाइन अकाउंट का प्रयोग करने के बाद लॉग आउट करना न भूलें। गोपनीय जानकारी मोबाइल फोन पर सुरक्षित न करें।
– कुछ समय के अंतराल पर पासवर्ड बदलते रहें। इसी तरह प्रीपेड कार्ड का इस्तेमाल करके जालसाजी का शिकार होने से बचा जा सकता है।
– शॉपिंग के दौरान सेल्समैन को डेबिट/क्रेडिट कार्ड अपनी नजर से दूर न ले जाने दें, क्योंकि क्लोन बनाए जाने का खतरा रहता है।
पब्लिक वाई-फाई से रहें सतर्क
स्मार्ट फोन से लेनदेन के दौरान पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल से बचें, क्योंकि पब्लिक वाई-फाई से पासवर्ड व गोपनीय जानकारी चोरी करना काफी आसान है।