नई दिल्ली : 150 सालों से खामोश रहने के बाद, भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी एक बार फिर लावा उगलने लगा है। अंडमान और निकोबार के बैरन द्वीप में स्थित ज्वालामुखी राजधानी पोर्ट ब्लेयर से 140 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में है।
उल्लेखनीय है कि करीब डेढ़ सौ साल तक शांत रहने के बाद ये ज्वालामुखी 1991 में फिर सक्रिय हो गया था। उसके बाद से ही इसमें हलचल बनी है मगर इस बार लावा उगलने से वैज्ञानिकों में चिंता है।
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वैसे तो अंडमान बेसिन को भूगर्भीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इस इलाके में समुद्र की गहराइयों में कई और भी ज्वालामुखी छिपे हैं। सुरक्षा के लिहाज से बैरन द्वीप में कोई आबादी नहीं है। बैरन का शाब्दिक अर्थ भी वीरान ही होता है। इस द्वीप के उत्तरी हिस्से में एक भी पेड़-पौधे भी नहीं है। इस वजह से भारत के नागरिक अंडमान-निकोबार के वन विभाग से खास इजाजत लेने के बाद ही द्वीप का दौरा कर सकते हैं।