हर कोई अपनी त्वचा को सुंदर बनाए रखने की चाह रखता है और इसके लिए कोशिश भी करता है। तमाम प्राकृतिक उपचारों से लेकर कॉस्मेटिक्स तक के इस्तेमाल से त्वचा की कोमलता, रंग और उसकी चमक को बरकरार रखने की कोशिश की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना भी आपकी त्वचा को भद्दा बना सकता है। स्मार्ट फोन से निकलने वाली रोशनी का सीधा असर आंखों व चेहरे पर पड़ता है। इसकी वजह से त्वचा में विकार उत्पन्न हो रहे हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो अब फ्रैकल्स (झाइयां) छोटी उम्र से ही लोगों के चेहरे पर निकलने लगे हैं। फ्रैकल्स की समस्या वैसे तो कई कारणों से होती है। इसमें त्वचा की संवेदनशीलता (सेंसटिविटी), उम्र व आनुवांशिकता के अलावा सूर्य की रोशनी से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणें इसका कारण होती हैं, लेकिन अब इनमें मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी का बुरा असर भी शामिल हो गया है।
क्या है फ्रैकल्स
फ्रैकल्स असल में छोटे छोटे तिल नुमा धब्बे होते हैं। यह काले, भूरे व गहरे पीले रंगों में हो सकते हैं। अक्सर यह गोरे रंग वाली त्वचा पर हावी होते हैं। डॉ. सचिन धवन के मुताबिक यह मेलेनिन पिगमेंट की अधिकता के कारण होते हैं और इनके निर्माण के लिए उत्तरदायी कोशिकाएं मेलेनोसाइट्स रोशनी सहित कई अन्य कारणों से अधिक सक्रिय हो जाती हैं।मो
बाइल ब्लू लाइट बढ़ा रही है समस्या
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रमनजीत के अनुसार मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट यानी उच्च ऊर्जा स्पेक्ट्रम वाली लाइट्स त्वचा की संवेदनशीलता को बढ़ा देती हैं। ऐसे में मेलेनिन सिंथेसिस या संश्लेषण बढ़ जाता है, जिससे त्वचा पर झाइयां उत्पन्न कर देते हैं। इन झाइयों से त्वचा खुरदुरी या असमतल सी दिखने लगती है। त्वचा की यह समस्या युवतियों में तेजी से देखी जा रही है। बच्चों में टीवी देखने व पास से मोबाइल गेम्स खेलने से उनमें भी इस तरह की समस्या देखने को मिल रही है।
क्या है इलाज
डॉक्टरों के मुताबिक फ्रैकल्स का कोई स्थायी इलाज नहीं है। लेजर ट्रीटमेंट द्वारा इसे दूर जरूर किया जा सकता है, लेकिन यह हर किसी के लिए संभव नहीं है। इसके लिए कुछ सि¨टग्स दी जाती हैं जो कि केवल इन धब्बों को हल्का करती हैं। इन्हें पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता। बाहरी कारणों से होने वाले फ्रैकल्स को हल्का करने के लिए घरेलू उपचारों पर आजकल ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
क्या हैं घरेलू उपचा
घरेलू उपचार में पपीता, केला, शहद, नींबू, एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका), एलोवेरा, छाछ, टी ट्री जैसी चीजों के लगाने से त्वचा को साइट्रिक एसिड, लैक्टिक एसिड व एंटी ऑक्सिडेंट्स का पोषण मिलता है, जिससे त्वचा पर फ्रैकल्स का प्रभाव हल्का होने लगता है। हालांकि सिरके व नींबू के अधिक मात्रा में प्रयोग से त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ जाती है, लेकिन विशेषज्ञों के परामर्श से इन चीजों का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में व उचित समय के लिए करने से लाभ मिलते हैं।