आज के समय में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो आभूषण का शौक रखते है. अपने इसी शौक को पूरा करने के लिए वह महंगे से महंगे आभूषण धारण करते है, जिनमे से हीरे का आभूषण मुख्य है. लेकिन क्या आप जानते हैं? हीरा सभी के लिए नहीं है, क्योंकि इसका संबंध शुक्र ग्रह से होता है, जो व्यक्ति के जीवन में प्रेम सुख सौंदर्य आकर्षण काम का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए हीरा धारण करने से पहले किसी ज्योतिष की सलाह लेना बहुत आवश्यक है. बिना सोचे समझे हीरा धारण करना आपको परेशानियों में डाल सकता है. तो आइये जानते हैं हीरा धारण करने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें.हीरा कौन धारण कर सकता है- वह व्यक्ति जिसकी कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, वह हीरा धारण कर सकता है. लेकिन हीरा धारण करना उन लोगों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है, जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह नीच, अस्त, शत्रु, गृही होता है तथा वह कुंडली के छठे, आठवें या बाहरवें भाव में होता है.
हीरा धारण करने के पूर्व
कभी भी हीरा बिना किसी ज्योतिष की सलाह के धारण नहीं करना चाहिए. हीरा वही व्यक्ति धारण कर सकता है, जिसकी आयु 21 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो. 50 वर्ष की आयु से अधिक आयु वाले व्यक्ति को हीरा धारण नहीं करना चाहिए.
यदि व्यक्ति का शुक्र कमजोर होता है, तो उसे हीरा धारण करने के पूर्व किसी ज्योतिष की सलाह लेना आवश्यक है, नहीं तो इससे आपका दांपत्य जीवन प्रभावित हो सकता है.
कभी भी टूटा या दाग लगा हीरा धारण नहीं करना चाहिए. ऐसा हीरा धारण करने से व्यक्ति के यश की हानि होती है अथवा उसके जीवन में दुर्घटना होने की सम्भावना अधिक बढ़ जाती है. जो व्यक्ति हीरा धारण करते है, उन्हें कभी भी इसके साथ मूंगा या गोमेद रत्न धारण नहीं करना चाहिए.