पिछले कुछ दिनों से देश के कुछ हिस्सों में 10 रुपए के सिक्को को लेकर बड़ी अजीब सी अफवाह फैल रही है। कुछ इलाकों में ऐसी अफवाह फैल गई कि 10 रुपए का सिक्का नकली है, जिसके बाद लोगों ने इसे लेने से मना कर दिया। ये अफवाह दिल्ली और आसपास के इलाकों में तेजी से फैल गई और लोगों ने 10 रुपए का सिक्का लेना बंद कर दिया।
आरबीआई का आदेश
अब आरबीआई ने आदेश जारी किया है अगर दस रुपए के सिक्के को कोई लेने से मना करता है और इसका चलन बंद होने की अफवाह फैलाता है तो उस व्यक्ति पर भारतीय रिजर्व बैंक देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएगा। माना जा रहा है कि आरबीआई की इस घोषणा के बाद इस अफवाह पर रोक लग सकती है।
10 रुपए के सिक्के को लेकर फैली अफवाह
अभी कुछ समय से फेसबुक और वाट्स एप पर बीते कुछ महीने से यह अफवाह फैलाई जा रही है कि दस रुपए के सिक्कों पर भारतीय रिजर्व बैंक ने रोक लगा दी है और कुछ लोगों का कहना है कि दस रुपए का सिक्का नकली है, लेकिन अगर अब किसी ने दस रुपए के सिक्के को लेने से मना किया तो उस पर आफत आ सकती है।
देशद्रोह का मुकदमा होगा दर्ज
दरअसल, दस रुपए के सिक्के नहीं लिए जाने के कई मामले प्रकाश में आने के बाद भारतीय रिजव बैंक ने साफ किया है कि कोई भी व्यक्ति सिक्कों को लेने से मना नहीं कर सकता। ये सिक्के पूर्णरूप से चलन में हैं, यदि कोई सिक्का नहीं ले रहा है तो भारतीय रिजर्व बैंक उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएगा।
राष्ट्रीय करेंसी को मना नहीं कर सकते
आरबीआई ने बताया कि दस रुपए का सिक्का राष्ट्रीय करेंसी है। किसी के पास इसे लेने से मना करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि भारत सरकार इसे मान्यता देती है। आरबीआई नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति चलन में मौजूद करंसी को लेने से मना करता है तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
आरबीआई ने दिया दखल
बीते एक-दो माह से यह अफवाह फैली थी, जिसमें यह कहा जा रहा था कि दस के सिक्के नकली हैं और आरबीआई ने सिक्के बनाना बंद कर दिया है। मामला ज्यादा बढ़ा तो खुद आरबीआई ने बीते 20 सितंबर को इस पर सफाई दी और कहा कि दस रुपए का सिक्का चलन में है, अगर कोई अफवाह फैलाता है कि दस रुपए का सिक्का बंद है या फिर लेने से मना करता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।