उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में सिकंदरा विधानसभा का उप चुनाव भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का कारण बना है। इस सीट के चुनाव को लेकर मुलायम के गढ़़ में भी हलचल तेज हो गई है।
सिंकदरा विधानसभा उप चुनाव को लेकर मुलायम सिंह के गढ़ इटावा में भी हलचल है। 2014 के लोकसभा और 2017 के शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सपा को पटकनी दी थी। सभी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए थे। इस बार निकाय चुनाव में सपा ने भाजपा को एक भी सीट नहीं जीतने दी। ऐसे में दोनों पार्टियों के लिए सिकंदरा की सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी है।
सिकंदरा में जीत को दोहराना चाहती है- समाजवादी पार्टी
कंदरा को मिलाकर इटावा लोकसभा क्षेत्र में कुल चार विधानसभाएं हैं, जबकि छह नगर निकाय हैं। जिसमें तीन नगर पालिकाएं और तीन नगर पंचायतें हैँ। इसमें तीन नगर निकाय में सपा को तो तीन में निर्दलियों को जीत मिली है। भाजपा ने इटावा क्षेत्र में इस बार पूरी तैयारी की थी, इसके बावजूद वह एक भी सीट नहीं जिता पाई। ऐसे में पार्टी सिकंदरा सीट को किसी भी सूरत में जीतना चाहती है। इसी तरह समाजवादी पार्टी भी नगर निकाय की जीत के बाद, सिकंदरा में जीत को दोहराना चाहती है।
भाजपा ने भी जोर पकड़ लिया है
यही वजह है कि उसने ऐन वक्त पर प्रत्याशी बदल दिया। सिकंदरा में नगर पंचायत सीट सपा के खाते में गई है। यहां मुस्लिम बिरादरी को जीत मिली है। इसी लिहाज से सोमवार को पार्टी ने सीमा सचान का नामांकन करा दिया। सीमा के दोबारा नामांकन करने पर भाजपा ने भी जोर पकड़ लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय भी अपनी पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन कराने पहुंचे। उन्होंने भी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से इस सीट को दुबारा जीतने के लिए दिन रात एक करने को कहा है।