पुलिस भर्ती बोर्ड के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों ने सिपाही भर्ती के लिए आवेदन किया था, उन सभी पात्र अभ्यर्थियों को आगामी छह माह के भीतर दोबारा होने वाली परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। परीक्षा की तारीख और अन्य सूचनाएं जल्द भर्ती बोर्ड की वेबसाइट पर जारी की जाएंगी।
पुलिस अधिकारियों की मानें तो परीक्षा को लेकर किसी जिले से गड़बड़ी के सुराग नहीं मिले हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि इसकी साजिश प्रश्न पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेस में रची गयी थी। वहां के कुछ कर्मचारियों ने पेपर की सेटिंग के दौरान प्रश्नों को नोट किया, जिसे बाद में अपने संपर्क में आए कुछ कोचिंग संस्थानों से लाखों रुपये लेकर सौंप दिया। अब एसटीएफ इसी दिशा में अपनी जांच आगे बढ़ाने की तैयारी में है। बता दें कि परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड ने 48,17,442 एडमिट कार्ड जारी किए थे। इनमें से 43,13,611 अभ्यर्थियों (89.54 प्रतिशत) परीक्षा में शामिल हुए थे।
पर्ची में थे 150 में से 147 सवालों के जवाब
बिहार निवासी अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार के पास से बरामद पर्ची में 150 में से 147 प्रश्न पेपर में आए थे। सत्य अमन के व्हाट्सएप पर 18 फरवरी की दोपहर 12:56 बजे नीरज यादव के नंबर से हाथ से लिखी गई उत्तर कुंजी भेजी गई थी। पुलिस ने जब केस दर्ज करने के बाद गहनता से तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि पेपर में 150 प्रश्न आए थे, जिनमें से 147 प्रश्नों के उत्तर अमन के पास से मिली पर्ची में थे। परीक्षा से एक घंटे पहले प्रश्न व उसके उत्तर के मिलने से ये लगभग स्पष्ट है कि जहां से ये उत्तर कुंजी चली उसको प्रश्न पत्र पहले मिल गया। तभी उसने हल करके परीक्षा से एक घंटे पहले ही भेज दिया।