नई दिल्ली: आप तो जानते ही हैं कि सियाचिन कितनी खतरनाक जगह हैं। ऐसी खतरनाक जगह पर आम आदमी जाने के बारे में भी नहीं सोचता है। वहाँ भारतीय सैनिक तैनात होकर देश के सीमा की रक्षा करते हैं। इसके बदले उन्हें कुछ नहीं मिलता था। लेकिन अब मोदी सरकार ने उनके लिए तोहफे का ऐलान किया है। जी हाँ सियाचिन में तैनात सैनिकों, उग्रवाद रोधी अभियान और नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सैनिकों का जोखिम एवं कठिन भत्ता दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा दिया गया है।
सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों में मामूली संसोधन के साथ कैबिनेट द्वारा स्वीकार किये जाने के बाद सरकार ने गजट में अधिसूचित किया कि बढ़ा भुगतान उच्च भत्तों में शामिल है। आपको बता दें सियाचिन पूरी दुनिया में सबसे ऊँचाई पर बसा हुआ युद्ध क्षेत्र है। वहाँ तैनात सैनिकों के भत्ते को बढ़ाकर 30 हजार प्रति माह कर दिया गया है, जो पहले 14 हजार प्रति माह था। वहीँ अधिकारीयों के लिए यह भत्ता बढ़ाकर 42500 कर दिया गया है, जो पहले 21 हजार था।
सीआरपीएफ जवानों के भत्ते में भी हुई बढ़ोत्तरी:
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उच्च ऊँचाई भत्ता 2700-25000 रूपये प्रति माह कर दिया गया है, जो पहले केवल 810-16800 था। भत्ते में दुगुने से भी ज्यादा की बढ़ोत्तरी की गयी है। वही उग्रवाद रोधी अभियान भत्ता 6000-16900 रूपये प्रति माह कर दिया गया है, जो पहले केवल 3000-11700 रूपये प्रति माह था। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों से टक्कर लेने के लिए तैनात किये गए सीआरपीएफ के जवानों के भत्ते में भी बढ़ोत्तरी की गयी है।
सीआरपीएफ के जवानों को दिया जाने वाला कोबरा भत्ता 8400-16800 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 17300-25000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। सातवें वेतन आयोग ने शांत इलाकों में तैनात किये गए रक्षा अधिकारीयों के राशन भत्ते मको ख़त्म करके निःशुल्क राशन उपलब्ध कराने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया। उनका राशन भत्ता उनके बैंक खातों में भेजा जाता रहेगा।
मरीन कमांडों के भत्ते में भी सरकार ने की बढ़ोत्तरी:
सरकार ने सुरक्षा कर्मियों को मिलने वाले तकनीकि भत्ता 4500 रूपये प्रतिमाह के विलय के खिलाफ फैसला लिया है। सरकार ने मरीन कमांडो को मिलने मार्कोस तथा चैरियट भत्ते को 10500-15750 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 17300-25000 रूपये प्रति माह कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने समुद्र में जाने सम्बन्धि भत्ते की शर्त को 12 घंटे से घटाकर 4 घंटे कर दिया है। इसकी दर 3000-7800 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 6000-10500 रूपये प्रति माह कर दी गयी है।