नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने का मामला सामने आया है। बेंगलुरु के बन शंकरी इलाके में एक भारतीय के साथ तीन संदिग्ध पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये तीनों एक बिचौलिए की मदद से फर्जी आधार कार्ड हासिल करने में कामयाब हो गए थे। साथ ही स्थानीय इलाके से तालुक्क दिखाने के लिए अन्य क्षेत्रीय पहचान पत्र हासिल करने की फिराक में थे।यह भी पढ़े:> अभी-अभी: लगातार हुए 900 धमाके, इस धमाके से दहल उठा पूरा देश…
खबर के अनुसार तीनों पाकिस्तानियों ने एक बिचौलिए की मदद से 300 रुपए में आधार कार्ड तक बनवा लिए थे। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें किहोन गुलाम अली (26), खासिफ शमसुद्दीन (30) और समीरा अब्दुल रहमान (25) शामिल हैं।
तीनों ही कराची के रहने वाले हैं। वहीं अन्य भारतीय नागरिक की पहचान मुहम्मद सीहाब के रूप में हुई, जो केरल का रहने वाला है। रोपियों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक समीरा ने सीहाब और खासिफ ने किहोन के साथ शादी की है।
चारों आरोपियों को बीते गुरुवार (25 मई, 2017) दक्षिणी बेंगलुरु के कुमारास्वामी लेआउट क्षेत्र से पुलिस द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया है।
तीनों पाकिस्तानियों ने इस साल जनवरी में आधार कार्ड हासिल कर लिया था। आधार पूछताछ के लिए आए अधिकारियों को भी इन्होंने बताया कि वो कुमारास्वामी लेआउट इलाके में रहते हैं।
इस दौरान इन्होंने क्षेत्रीय पहचान कार्ड जैसे राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड तक बनवाने की कोशिश की। पूछताछ के दौरान मुहम्मद सीहाब ने बताया कि उसने एक बिचौलिए की मदद से आधार कार्ड हासिल किए थे। जिसके बाद वो राशन और वोटर आईडी कार्ड बनवाने की कोशिश करा रहा था।
किहोन और खासिफ ने जांच कर रहे अधिकारियों को बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति ने बिना आईडी प्रूफ के आधार कार्ड बनवाने की बात कही थी। इसके लिए बिचौलिए ने पहले 500 रुपए की मांग की। बाद में आरोपी द्वारा गरीबी का हवाला देने पर एक आधार कार्ड की 100 रुपए में बात पक्की हो गई।
मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने पत्र के माध्यम से इस बाबत दिल्ली स्थित पाकिस्तान एंबेसी को सूचना दे दी है। पत्र में बताया गया कि गैरकानूनी रूप से भारत में रहने के कारण इन तीनों की गिरफ्तारी की गई।