मुंबई। नवी मुंबई में कब्र खोदने वाले 62 वर्षीय एक व्यक्ति पर कोई संदेह नहीं कर सकता था कि वह देश में अवैध आव्रजन का रैकेट चला रहा है। महज 5,000 रुपए में वह अवैध रूप से भारत में आने वाले बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता मुहैया करा रहा था।आजाद मैदान पुलिस ने लतीफ अजीम गाजी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि गाजी के काम करने का ढंग काफी सरल था। अपने 3 से 4 सहयोगियों की मदद से वह अवैध बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता मुहैया कराता था। किला कोर्ट में उसे सुनवाई के लिए पेश किया गया, जहां उसने यह बात बताई।अपनी सेवाओं में वे सारे दस्तावेज रहते थे, जिनसे कोर्ट में साबित किया जा सके कि वे भारतीय नागरिक हैं, न बांग्लादेशी नागरिक। गाजी विशेष रूप से मुंबई में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों आप्रवासियों के बीच काफी मशहूर था। अब तक मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के 65 मामले में गाजी को उसके साथ जोड़ा है।
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ऐसे पता चला मामला
सीनियर इंस्पेक्टर विजय कदम ने असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष चव्हाण, सब इंस्पेक्टर विठ्ठल पिसाल और पीएसआई आनंद शिवनी की एक टीम बनाई। उन्होंने पाया कि दस्तावेजों को उस वक्त पेश किया गया, जब आरोपी जेल में सजा काट रहे थे। हमने जमानत की प्रॉसेस के पैटर्न को देखा।सभी आरोपियों ने दो-तीन वकीलों और बिचौलियों की मदद से दस्तावेज हासिल किए थे। हमने इस लीड पर काम करना शुरू किया। हमने उन ग्राम पंचायतों की जांच की, जिनके लेटरहेड का इस्तेमाल किया गया था। पाया कि वहां किसी भी अधिकारी ने इसे जारी नहीं किया है।आगे की जांच में पता चला कि आरोपियों ने अपने अंगूठे के निशान उस वक्त दिए, जब वे अपने वकील के साथ थे और बाद में उन्होंने जमानत पा ली। यानी संदिग्धों से ग्रुप ने उस वक्त मुलाकात की, जब उन्हें किला कोर्ट में लाया गया था। हमने बांग्लादेशी संदिग्धों को कोर्ट में लाने के दौरान नए मुखबिर उन पर नजर रखने के लिए लगा दिए।एक मुखबिर ने बताया कि अवैध बांग्लादेशियों का सरगना नवी मुंबई में रहने वाला एक व्यक्ति है। इसके बाद ब्रांच ने सभी 65 बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ एक मार्च को शिकायत दर्ज कराई।
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गाजी को ऐसे पकड़ा
शुरू में हमें संदेह था कि क्या हम सही टार्गेट के पीछे हैं। मतलब 60 साल का व्यक्ति जो कब्र खोदकर जिंदगी बिता रहा है क्या वह अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दिलाने के रैकेट में शामिल हो सकता है? हमने गाजू पर नजर रखना शुरू कर दिया। देखा कि तीन से चार लोग हमेशा उसके आस-पास बने रहते हैं। पिछले हफ्ते हमने उसे किला कोर्ट से रंगे हाथों पकड़ा, जब वह अवैध बांग्लादेशी नागरिक के साथ बात-चीत कर रहा था। हम गाजी को उसके घर ले गए और उसके घर से स्टैंप और फर्जी दस्तावेज बरामद किए। उसे कोर्ट में पेश किया गया और सोमवार तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।