जांच में पता चला है कि सत्यप्रकाश दूबे अधिकारियों के पास ऑनलाइन और ऑफलाइन शिकायत दर्ज कराते रहे, लेकिन अधिकारी खानापूरी कर रिपोर्ट लगा देते थे। इसके कारण मामला छह लोगों की हत्या तक पहुंच गया। अब इस लापरवाही पर प्रशासनिक और पुलिस अफसरों पर निलंबन की गाज गिरी है।
देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली के लेड़हा टोला में सामूहिक हत्याकांड के बाद राजस्व और पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही एक-एक कर उजागर होने लगी है। जांच में पता चला है कि सत्यप्रकाश दूबे अधिकारियों के पास ऑनलाइन और ऑफलाइन शिकायत दर्ज कराते रहे, लेकिन अधिकारी खानापूरी कर रिपोर्ट लगा देते थे। इसके कारण मामला छह लोगों की हत्या तक पहुंच गया। अब इस लापरवाही पर प्रशासनिक और पुलिस अफसरों पर निलंबन की गाज गिरी है। एक सीओ के विरुद्ध जांच बैठाई गई है।
सत्यप्रकाश दूबे ने जुलाई 2022 और फरवरी 2023 में थाना दिवस और तहसील दिवस पर आयोजित चौपाल में भी अधिकारियों से मामले के निस्तारण की फरियाद की थी। अब जब पूरे प्रकरण की जांच उच्चाधिकारी कर रहे हैं तो पूरे प्रकरण में अभिलेखों की जांच में लापरवाही उजागर हो रही है। सत्यप्रकाश के प्रार्थना पत्र की जांच कर रिपोर्ट लगाने वाले लेखपाल की भूमिका संदिग्ध मिली है।
उसने अपनी रिपोर्ट में ग्राम सभा की किसी भी भूमि पर कब्जा न होने की बात कही है। इसके बाद सात फरवरी को सत्यप्रकाश दूबे ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत कर अपनी जान को खतरा बताते हुए प्रेमचंद के मानस इंटर काॅलेज, खलिहान, नवीन परती पर अवैध कब्जे की भी शिकायत की थी। यह भी बताया था कि प्रेम का मकान सरकारी भूमि पर है। यह कब्जा विगत दस वर्षों से किया गया है, जब प्रेमचंद की मां ग्राम प्रधान थीं।
इन शिकायतों पर भी राजस्वकर्मियों ने गलत रिपोर्ट लगा दी। हलका दरोगा और सिपाही ने किसी भी प्रकार का जानमाल का खतरा न होना बताया था। 25 दिसंबर 2020 को भी जनसुनवाई पोर्टल पर उन्होंने शिकायत की, लेकिन उसमें यह दिखा दिया गया कि पूर्व में जांच हो चुकी है। इसी साल चार मार्च की अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्वकर्मी मौके पर गए थे, लेकिन सत्यप्रकाश को बार-बार फोन करने के बाद भी वह नहीं आए। खेत में फसल होने के कारण सीमांकन करना संभव नहीं है।
इस दौरान ग्राम प्रधान भी मौके पर मौजूद रहे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी शिकायत की थी कि प्रेम यादव ने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है। इसके अलावा भी सत्यप्रकाश दूबे ने ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा और अपनी जमीन पर जबरन कब्जा करने की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर की थी।
इसमें मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई थी। पर पुलिस और राजस्व कर्मियों ने निस्तारण कागजों में कर दिया, लेकिन मौके पर विवाद बना रहा। इसके कारण जांच रिपोर्ट के आधार पर बृहस्पतिवार को कार्रवाई की गई है। इसमें उस दौरान तैनात रहे एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, दरोगा, सिपाही, रुद्रपुर कोतवाली के दो प्रभारी भी जद में आए हैं।
इन राजस्वकर्मियों के खिलाफ हुई कार्रवाई
रुद्रपुर के उपजिलाधिकारी योगेश कुमार गौड़ – निलंबित
तत्कालीन एसडीएम राम विलास, ओम प्रकाश, ध्रुव शुक्ला एवं संजीव कुमार उपाध्याय के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी
सेवानिवृत्त तहसीलदार वंशराज राम एवं सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक रामानंद पाल पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश
दुष्कर्म के आरोप में निलंबित हो चुके तहसीलदार अभय राज को अतिरिक्त आरोप पत्र जारी
तत्कालीन तहसीलदार रामाश्रय, वर्तमान में बलरामपुर जनपद में तैनात और तहसीलदार केशव कुमार निलंबित
राजस्व निरीक्षक विशाल नाथ यादव, लेखपाल राजनंदनी यादव, अखिलेश निलंबित
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इन पुलिस कर्मियों पर हुई कार्रवाई
सीओ जिलाजीत, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नवीन सिंह, पूर्व प्रभारी निरीक्षक, हलका दरोगा जयप्रकाश दूबे, तत्कालीन हलका दरोगा सुनील कुमार, हेड कांस्टेबल राजेश प्रताप सिंह, कांस्टेबल अवनीश चौहान, सिपाही कैलाश पटेल, रामप्रताप कन्नौजिया, सुभाष यादव को निलंबित किया गया है। जबकि तत्कालीन क्षेत्राधिकारी दिनेश कुमार सिंह यादव के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।