बरसात में प्रदेशभर के सभी ट्रांसफार्मरों का सेफ्टी ऑडिट होगा, ताकि इससे कहीं हादसा न हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने तीनों ऊर्जा निगमों को पांच साल में विद्युत उत्पादन दोगुना करने के लिए मिलजुलकर काम करने को भी कहा।
सीएम धामी ने सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण की मूल अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन रहा है। ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य करने की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षाकाल को ध्यान में रखते हुए सभी ट्रांसफार्मर का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। राज्य में तेजी से स्थापित हो रहे औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विद्युत उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जिन लघु जलविद्युत परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उन्हें तेजी से पूरा किया जाए।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 121 मेगावाट की छह लघु जलविद्युत परियोजनाएं आंवटित की गई हैं, जिनमें से 24 मेगावाट की मेलेखेत और 21 मेगावाट की खुटानी जल विद्युत परियोजना दिसंबर 2026 तक पूरी हो जाएंगी। जबकि 22.80 मेगावाट की बर्नीगाड और छह मेगावाट की रयात जल विद्युत परियोजना पर आगामी दो वर्षों में काम शुरू किया जाएगा। राज्य में पम्प स्टोरेज प्रोजक्ट के तहत 200 मेगावाट की लखवाड़-व्यासी, 150 मेगावाट की व्यासी- कट्टापत्थर और 168 मेगावाट की कालागढ़ परियोजना पर प्रारंभिक फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। एक-एक मेगावाट की तिलोथ, खटीमा और ढकरानी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के तहत विकसित किए जा रहे हैं। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव रंजना राजगुरू, अहमद इकबाल, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, एमडी पिटकुल पीसी ध्यानी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।