लखनऊ, 05 दिसंबर: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में बहुप्रतीक्षित 69 हजार शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है। उन्होंने कहा है कि उप्र सरकार ने शुचिता, पारदर्शिता के साथ बिना भेदभाव सिर्फ और सिर्फ मेरिट के आधार पर नौकरी देने का जो संकल्प लिया है, आज उस कड़ी में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। इस 69 हजार शिक्षक चयन की प्रक्रिया को जनवरी, 2020 में ही पूर्ण हो जाना चाहिए था, लेकिन कुछ लोगों ने अपने निजी स्वार्थों और कुत्सित राजनीति से प्रेरित होकर चंदा वसूली कर जैसे-तैसे हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक इसे उलझाए रखा। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उप्र सरकार की रीति और नीति को ही सही माना। अंततः आज यह महत्वपूर्ण चयन प्रक्रिया सम्पन्न हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मिशन रोजगार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। यह आगे भी इसी तरह जारी रहेगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 36,590 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण की प्रक्रिया का शुभारंभ क़िया। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 05 नवचयनित युवाओं को मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ, जबकि जिलों में आयोजित कार्यक्रम में सरकार के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नियुक्ति पत्र वितरित किए।
आमूलचूल परिवर्तन जरूरी, वाहक बनें नए शिक्षक: नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। इनकी दी हुई शिक्षा जीवन भर साथ रहती है, काम आती है। नवचयनित शिक्षकों को यह जिम्मेदारी समझनी होगी। दुनिया में जहां भी जो कुछ भी सुंदर है, उत्तम है, उससे अपने स्कूल के बच्चों तक पहुंचाएं। अब यही आपका धर्म है। सीएम योगी ने कहा कि अभी जबकि कोविड काल में स्कूल बंद हैं, यह शिक्षक स्कूलों की ओर जरूर जाएं, वहां अभिभावकों से मिलें, बच्चों की मंडली से भेंट करें। उन्हें कुछ न कुछ नया, अभिनव सिखाते रहें और जागरूक करें। सीएम ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों को यह समझना होगा कि एक शिक्षक आजीवन शिक्षक ही होता है। उसकी सेवाओं को घण्टे में सीमित नहीं किया जा सकता। सीएम योगी ने शिक्षकों से पाठ्यक्रम के सरलीकरण, पाठ्य विधि को रोचक बनाने, नवाचारों को प्रोत्साहित करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी नवनियुक्त शिक्षकों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक-एक प्रति उपलब्ध कराई जाए। ताकि यह लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘शैक्षिक विजन’ को आत्मसात कर सकें। सीएम ने शिक्षकों को सतत अपडेट रहने, प्रैक्टिकल सोच विकसित करने के लिए प्रेरित किया। बता दें कि, इससे पहले प्रदेश सरकार द्वारा 16 अक्टूबर, 2020 को 31,227 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे, जबकि, विगत 23 अक्टूबर, 2020 को माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3,317 नवचयनित सहायक अध्यापकों को पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शी एवं निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया को अपनाते हुए विभिन्न राजकीय सेवाओं में 04 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को नौकरियां दी जा चुकी हैं।
रचनात्मक हो बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय:
मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा कार्यालयों की स्थिति सुधार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोविड काल के बाद जब स्कूल खुलें तब तक इन कार्यलयों का कायाकल्प हो। स्वच्छता रहे, ऊर्जावान माहौल रहे। सेवानिवृत्त शिक्षकों से मर्यादित व्यवहार हो और अगर कहीं से भ्रष्टाचार की शिकायत मिली तो कोई बख्शा नहीं जाएगा।
बेसिक शिक्षा में हुए ऐतिहासिक बदलाव:
सीएम योगी ने पिछले साढ़े तीन वर्ष में प्रदेश के बेसिक शिक्षा जगत में हुए बदलावों को नजीर बताया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल, मानव संपदा पोर्टल जैसे अभिनव प्रयास हुए हैं। 1.80 करोड़ बच्चे आज यूपी के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे हैं। यह कोई छोटी संख्या नहीं है। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि सरकार नौजवानों को रोजगार देने के लिए कृत संकल्पित है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की नियुक्तियां पूरी पारदर्शिता के साथ अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए मेरिट के आधार पर की जा रही हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का यह संकल्प है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
चयनित शिक्षकों से पूछा, जुगाड़ की जरूरत तो नहीं पड़ी!
नियुक्ति-पत्र वितरण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 05 नवनियुक्त शिक्षकों- सीतापुर की पूजा शुक्ला, बाराबंकी के वीरेन्द्र कुमार मौर्य तथा श्री जफर बेग, रायबरेली की सरिता सिंह, हरदोई की नेहा देवी एवं लखीमपुर खीरी के श्री नवीन राणा को नियुक्ति-पत्र वितरित किए गए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने 05 जनपदों के नवनियुक्त शिक्षकों- बदायूँ की भावना सिंह गोण्डा की नमिता सिंह, रामपुर की क्षमा कपूर, हरदोई की ललिता त्रिपाठी एवं महोबा की राखी आर्य से बातचीत भी की। सीएम योगी ने सभी से हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा कि नौकरी के बाद अब ट्रांसफर के लिए कोशिश तो नहीं करेंगे। सभी शिक्षकों ने आवंटित जनपद में सेवा देने में ही खुशी जताई। मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की कक्षा संगत दक्षताओं को प्राप्त करने एवं आदर्श स्कूल स्थापित करने में पूर्ण योगदान प्रदान करें। नवनियुक्त शिक्षकों से यह भी अपेक्षा की कि अपने विद्यालयों में सामाजिक सुधार कार्य , बच्चों में राष्ट्रीयता , नैतिक मूल्य व सदाचार की भावना लिए दीक्षा पोर्टल पर का विकास तथा शिक्षा के उन्नयन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत रुचि से मिली सफलता: बेसिक शिक्षा मंत्री
कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि कोविड के इस कालखंड में जबकि दुनिया में लोग नौकरियां खो रहे हैं, उत्तर प्रदेश लाखों युवाओं को नौकरियां दे रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में 69 हजार नए शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित नियुक्ति प्रक्रिया अगर आज शुचिता और पारदर्शिता के साथ पूरी हो रही है, तो इसका एकमात्र कारण मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत रुचि ही है। उन्होंने सभी नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई भी दी। डॉ. द्विवेदी ने कहा कि बीते साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा का समग्र कायाकल्प हुआ है। पाठ्यक्रम हो, स्कूल में संसाधनों की उपलब्धता हो, पठन-पाठन का तौर तरीका हो या फिर मूल्यांकन और प्रशिक्षण, सभी क्षेत्रों में समय की मांग के अनुरूप नवाचारों के माध्यम से ऐतिहासिक बदलाव हुआ है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे डिजिटल लर्निंग से भी लाभान्वित हो रहे हैं। मानव संपदा पोर्टल और दीक्षा पोर्टल जैसे अभिनव प्रयास शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं, नतीजतन, स्कूलों में नामांकन बढ़ा, गुणवत्ता बढ़ी और अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं। कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ शासन स्तर के अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।