तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम को हटाकर खुद कुर्सी पर बैठने जा रही एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला के लिए सत्ता की राहें इतनी आसान भी नहीं हैं।
जयललिता के साये में रहकर राजनीति के दांवपेंचों में माहिर हो चुकी शशिकला अब इन्हीं दांवों का उपयोग सत्ता की सीढ़िया चढ़ने में कर रही हैं। रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम को हटाकर खुद कुर्सी पर बैठने की तैयारी भी पूरी कर ली। लेकिन उनका ये सपना इतना आसान भी नहीं दिखाई दे रहा। उसकी वजह है आय से अधिक संपति का वो मामला जो पिछले 20 साल से उनका पीछा कर रहा है।
पूर्व में जनता पार्टी और अब भाजपा नेता सुब्रमणयम स्वामी ने उनके खिलाफ यह शिकायत की थी। इसी मामले में वह अपनी सहेली जयललिता के साथ आरोपी थी और साल 2014 में तमिलनाडु की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।
आय से अधिक संपति के मामले में सहआरोपी हैं शशिकला
मामले में जयललिता के साथ शशिकला और उनके करीबी जे. इलावारसी और कभी जयललिता के दत्तक पुत्र बताए गए सुधाकरन भी आरोपी बनाए गए थे। सभी को कोर्ट ने दोषी माना था। हालांकि बाद में कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले में सभी को बरी करते हुए बड़ी राहत दे दी थी।
इसी मामले में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने हाइकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को जल्द निर्णय सुनाना है, मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि शीर्षतम अदालत हफ्तेभर के अंदर अपना निर्णय सुना सकती है।
ऐसे में अगर कोर्ट ने शशिकला को दोषी माना तो उनकी कुर्सी जा सकती है। खास बात ये है की कोर्ट सिर्फ उन्हें दोषी ही मान ले और सजा न देकर सिर्फ जुर्माना ही लगाए तब भी शशिकला सीएम पद के लिए अयोग्य हो जाएंगी। ऐसे में हर किसी की निगाहें अब कोर्ट के उस निर्णय पर ही टिकी हैं जिसमें इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है।
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इस बीच तमिलनाडु के राज्यपाल ने पन्नीरसेल्वम और उनके मंत्रिमंडल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इस्तीफा स्वीकार करने के साथ ही राज्यपाल ने शशिकला के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने तक पन्नीरसेल्वम और उनके मंत्री को कार्यभार संभालें रखने का आदेश दिया।