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यूपी सरकार ने प्रशासन से पूछा है कि किस विभाग ने यूनिवर्सिटी और या उसके आसपास के क्षेत्र में क्या-क्या निर्माण कराया है और उस पर कितनी धनराशि खर्च की है। शासन के इस रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने भी सभी विभागाध्यक्षों से पूरा विवरण तलब कर लिया है।
विरोधियों ने वक्फ संपत्तियों के साथ ही अन्य सरकारी जमीनों को कब्जाने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की भी मांग रखी थी। विरोधियों की यह शिकायतें अब रंग दिखाने लगी हैं। प्रदेश की योगी सरकार ने विरोधियों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इन पर जांच का शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
वक्फ संपत्तियों और लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस का निर्माण कराए जाने पर जांच बैठाने के बाद यूपी सरकार ने अब यूनिवर्सिटी परिसर और उसके आसपास सरकारी धनराशि से किए गए निर्माण पर जांच बैठा दी है।
यूपी सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रशासन को पत्र लिखकर पूछा है कि यूनिवर्सिटी और उसके आसपास के स्थानों पर कितनी धनराशि खर्च की गई है। किस विभाग ने कितनी धनराशि खर्च की है इसका पूरा विवरण दिया जाए। शासन ने जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट तलब की है। शासन के इस आदेश के बाद प्रशासन ने अब विभागाध्यक्षों से मांगी रिपोर्ट मांगी है।
” जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी धनराशि से संबंधित खर्चों का ब्योरा तलब किया गया है, जिसके बाद विभागवार रिपोर्ट तलब की गई है।”
शिव सहाय अवस्थी, जिलाधिकारी
यह निर्माण शासन के निशाने पर
-लोक निर्माण विभाग का गेस्ट हाउस
-पेयजल की तीन टंकियां
-बिजलीघर
-स्पोर्ट्स कांप्लेक्स
-सड़कें
-सोलर लाइटें
-कब्रिस्तान की जमीनें
-कस्टोडियन की जमीन
-चकरोड की जमीन
सांसद व विधायक निधि का ब्योरा भी हो चुका तलब
रामपुर। सांसद व विधायक निधि से जौहर यूनिवर्सिटी में किए गए कामकाज पर भी पर सरकार पहले ही अपनी जांच बैठा चुकी है। सरकार की ओर से पिछले दिनों सांसद व विधायक निधि के जरिए जौहर यूनिवर्सिटी में हुए खर्चे का विवरण मांग चुका है।