‘अयोध्या की गरिमा और महिमा के अनुसार विकास होगा। दुनिया के नक्शे पर अयोध्या का अदभुत स्थान होगा। यहां आने वाले लोगों को अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं मिलेंगी।’ छह वर्ष सात माह पूर्व अयोध्या में लिए इस संकल्प को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरा कर दिखाया। वैदिक सिटी के रूप में विकसित भव्य व नव्य अयोध्या बनाई। हर तरह से इसे सजा-संवार दिया। आज अयोध्या के इस नए लुक की झलक पाने के लिए हर कोई उत्सुक है।
योगी आदित्यनाथ ने पहली बार 19 मार्च, 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद वह 31 मई, 2017 को पहली बार अयोध्या पहुंचे। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के सभागार में अपने संबोधन में उन्होंने अयोध्या के विकास को ही मुख्य एजेंडे में रखा। पर्यटकों के सुविधाजनक आवागमन और मुख्य मार्गों के चहुंमुखी विकास, रहन-सहन, सरयू घाट, राम की पैड़ी व समूची अयोध्या के कायाकल्प का एलान किया। शीघ्र ही राममंदिर बनने का दावा भी किया।
उस समय मुख्यमंत्री के मुंह से निकले एक-एक शब्द मानो देववाणी हो गए। उन्होंने जो कहा, वह कर दिखाया। सप्तपुरियों में श्रेष्ठ व सनातन संस्कृति का प्रधान केंद्र अयोध्या को उसकी गरिमा व महिमा के अनुरूप सजाया-संवारा। सौगातों की बौछार कर दी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण शुरू होते ही इसकी रफ्तार कई गुना बढ़ गई।
आज सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार अयोध्या विश्व की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, आधुनिक रेलवे स्टेशन, मल्टी लेवल पार्किंग, रेलवे ओवरब्रिज, चौड़ी-चौड़ी कई चमचमाती सड़कें, कई मठ-मंदिरों व कुंडों का सुंदरीकरण समेत अन्य कार्यों के लिए 30,500 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएं चल रही हैं। इन्हीं का परिणाम है कि धर्म, संस्कृति और संस्कार की नगरी अयोध्या विकास की एक नई गाथा कह रही है।
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