सीएम ने कहा कि नई बनने वाली हर सड़क की पांच साल की गारंटी हो। कोई खराबी आने पर निर्माता एजेंसी ही पुनर्निमा करे।
जहां भी दो गांवों के बीच एक किलोमीटर से ज्यादा का फासला होगा उन्हें पक्के मार्गों से जोड़ा जाएगा। प्रदेश में इस तरह के 959 गांव हैं जिन्हें आपस में जोड़ने के लिए 1392 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी और इन मार्गों की कुल लंबाई एक हजार किलोमीटर से ज्यादा है। ऐसे गांवों के तेज विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नई बनने वाली हर सड़क की पांच साल की गारंटी हो। कोई खराबी आने पर निर्माता एजेंसी ही पुनर्निमाण करे। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों के अधूरे भवनों पर नाराजगी जताई। इसके लिए जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। सड़क निर्माण में नई तकनीक अपनाने पर भी जोर दिया, ताकि कम लागत में टिकाऊ सड़कें बनाई जा सकें। योगी ने शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी के कामकाज की समीक्षा की। इसमें उन्होंने निर्माण कार्यों में आईआईटी, एकेटीयू व एमएमएमयूटी जैसे संस्थानों से सहयोग लेने के निर्देश दिए।
मंत्रियों को मौका मुआयना की नसीहत
सीएम ने भवन निर्माण के कार्यों तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि आमजन को सेवाओं का लाभ समय से नहीं मिल पाता। कहा कि विभागीय मंत्री परियोजनाओं की नियमित अंतराल पर समीक्षा करें। मौका-मुआयना करें और कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित कराएं।
आउटसोर्सिंग के लिए बनेगी नीति
सीएम ने कहा कि नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने तक आउटसोर्सिंग से युवाओं को जोड़ें। ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट फॉर इंजीनियरिंग (गेट) जैसे राष्ट्रीय परीक्षा को आधार मानकर उनकी योग्यता का प्रारंभिक आकलन किया जा सकता है। ऐसे युवाओं को नियमित सेवा में भारांक दिए जाएं। इस संबंध में नीति प्रस्तुत की जाए।
माफिया न ले सकें ठेके
सीएम ने दोहराया कि किसी परियोजना में माफिया व अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को स्थान न मिले। उनके करीबी, रिश्तेदारों व गुर्गों को भी ठेके-पट्टे से दूर रखा जाए। कहा कि ग्रामीण मार्गों से अन्य जिला मार्ग और अन्य जिला मार्गों से प्रमुख जिला मार्ग में श्रेणी परिवर्तन के लिए नई नीति तैयार की जाए।
चौड़े किए जाएं ग्रामीण मार्ग
-अयोध्या में रामपथ एवं भक्ति पथ के निर्माण में पहली बार वाइट टॉपिंग व स्टैम्प्ड कंक्रीट तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे प्रयोग अन्य स्थानों पर किए जाएं।
– यातायात व अन्य स्थितियों को देखते हुए ग्रामीण मार्गों का चौड़ीकरण हो। इसपर आवश्यक प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
– सभी स्टेट हाईवे व अन्य मार्गों की जीआईएस मैपिंग कराई जाए। इससे उनकी स्थिति का पूरा ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा।