मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बालू, मौरंग व गिट्टी का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी न हो। इनका कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जनसामान्य को उचित दर पर बालू, मौरंग व गिट्टी उपलब्ध होनी चाहिए। प्रदेश में खनन के व्यवसाय सुगमतापूर्वक हो सके, इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को खनन कार्यों के लिए ई-सेवा “माइन मित्र” पोर्टल के लोकार्पण कार्यक्रम में कहा कि विगत पांच वर्षों में प्रदेश में खनन कार्यों में पारदर्शिता आई है। आमजन को सुविधा देने के लिए अभिनव प्रयास किए गए हैं। इसी क्रम में आनलाइन ई-सेवा के साथ खनन प्रबंधन के लिए शुरू किए जा रहे एकीकृत पोर्टल “माइन मित्र” (http://minemitra.up.gov.in/) से खनन व्यवसायियों तथा खनन संबंधी निजी कार्यों के लिए आम जन को सुविधा होगी।
माइन मित्र पोर्टल जनसामान्य, किसान, पट्टाधारक, स्टाकिस्ट, फुटकर विक्रेता, परिवहनकर्ता को खनन कार्यों के लिए विभिन्न अनुमति पत्र प्राप्त करने में उपयोगी सिद्ध होगा। इस पोर्टल पर खनन विभाग की विभिन्न सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध हैं। किसी को अपनी निजी भूमि से मिट्टी निकालनी हो, खरीदी गई मिट्टी का परिवहन करना हो, खनिज कार्यों के लिए लीज, परमिट, रजिस्ट्रेशन आदि को इस प्लेटफार्म से जोड़ा गया है। ईट भट्ठों को आनलाइन भुगतान करने में भी इससे आसानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि खनन कार्य से जुड़े सभी लोगों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित हो। मूल्य नियंत्रण में रहें। नये व्यवसायियों को बाजार में स्थापित एकाधिकार एवं बंधन से मुक्त कर समान अवसर उपलब्ध हो सके। इस दिशा में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। पूर्व में छोटे-छोटे कार्यों के लिए अनुमति लेने में काफी दिक्कत होती थी। मैनुअल आवेदनों के कारण भ्रष्टाचार और लेटलतीफी की शिकायतें भी मिलती थीं। आनलाइन पोर्टल से न केवल आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण हो सकेगा, बल्कि सिस्टम और पारदर्शी होगा।
आवंटित क्षेत्र के बाहर न हो खननः मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवंटित क्षेत्र के बाहर खनन कार्य न हों। परिवहन परमिट से अधिक खनन न किया जाए। नदी की मुख्यधारा के बीच में पोकलैंड मशीन लगाकर खनन कार्य करना, नदी के स्वरूप के साथ खिलवाड़ है। ऐसी गतिविधियों पर कड़ाई से रोक लगाई जाए। किसी भी दशा में ओवरलोडिंग न हो। यह दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनती है। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस के माध्यम से खनन क्षेत्रों की जियो फेंसिंग, खनिज परिवहन करने वालों वाहनों पर माइन टैग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चेक गेट की व्यवस्था खनन कार्यों को और पारदर्शी बनाएगी।
राक फास्फेट व पोटाश बनेंगे निवेश का माध्यमः मुख्यमंत्री ने कहा कि ललितपुर जिले में राक फास्फेट एवं ललितपुर व सोनभद्र में पोटाश एवं लौह अयस्क की प्राप्ति के लिए प्रक्रिया शुरू हो रही है। यह विंध्य और बुंदेलखंड में बड़े निवेश का माध्यम बनेगा। इससे रोजगार का भी सृजन होगा।