उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डिजिटल माध्यम से गोरखपुर से वाराणसी के लिए हवाई सेवा की नई उड़ान की शुरुआत की। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार गोरखपुर से वाराणसी के लिए पहली बार हवाई सेवा की शुरुआत के लिए गोरखपुर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ से डिजिटल माध्यम से जुड़े जबकि सिंधिया ग्वालियर से इस समारोह में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए। यह हवाई सेवा ‘उड़ान योजना’ के अन्तर्गत प्रारम्भ की गई।
इस मौके पर अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में हवाई सेवा की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में 75 गंतव्यों तक उप्र से प्रदेश व देश के विभिन्न शहरों की यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “उप्र के अंदर देश की वायु संपर्कता में काफी परिवर्तन विगत पांच वर्षों के दौरान हुआ और सही मायने में तो उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के उस संकल्प को पूर्ति करता दिखाई दे रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की यात्रा करेगा।
योगी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ का धाम आज बाबा गोरखनाथ के धाम से वायु मार्ग से जुड़ रहा है। यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि गोरखपुर से कानपुर, वाराणसी से मुंबई, कानपुर से पटना, कुशीनगर से कोलकाता समेत छह अन्य विमान उप्र के अलग-अलग शहरों से प्रदेश और देश के विभिन्न गंतव्य को जोड़ने के लिए आज प्रारंभ हो रहे हैं और मैं इसके लिए नागर विमानन मंत्रालय और ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश वासियों की ओर से हृदय से धन्यवाद देता हूं। योगी ने विमान सेवा संचालित करने वाली कंपनी स्पाइसजेट परिवार के प्रति भी आभार जताया। उन्होंने यात्रियों को भी शुभकामना दी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला और निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर है और वह वहां के प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं जबकि वाराणसी (काशी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र है। आध्यात्मिक दृष्टि से दोनों महानगरों का बहुत व्यापक महत्व है।
अपने संबोधन में योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि काशी दुनिया की सबसे प्राचीनतम नगरी है और बाबा विश्वनाथ के पावन धाम को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जिस प्रकार का भव्य व दिव्य स्वरूप दिया गया है, कौन ऐसा भारतीय होगा जो काशी आने के लिए अपने आपको न तैयार कर रहा होगा। उन्होंने कहा कि आज उप्र के नौ हवाई अड्डे पूरी तरह क्रियाशील हो चुके हैं और यह सब प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व के कारण संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से पांच वर्ष पूर्व उप्र के जो चार हवाई अड्डे क्रियाशील थे उनमें मात्र देश के 25 गंतव्यों तक यात्रा संभव हो पाती थी लेकिन आज देश के अंदर वायु क्षेत्र में जिस तेजी के साथ विकास हुआ है, उप्र आज उसका बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। योगी ने चित्रकूट, सोनभद्र और श्रावस्ती में बनने जा रहे नये हवाई अड्डे का भी उल्लेख किया और भगवान बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के क्रियाशील होने की भी याद दिलाई।